इमरजेंसी में रातों रात गिराया गया था BHU का RSS भवन, पुन: संचालित करने को कोर्ट में 15 मार्च को होगी सुनवाई

 
वाराणसी। बीएचयू परिसर स्थित आरएसएस भवन को फिर से बिना अवरोध संचालित करने के मामले में सिविल जज जूनियर डिवीज़न फ़ास्ट ट्रैक प्रथम पवन सिंह की अदालत में सुनवाई टल गई। पिछली तिथि पर बीएचयू ने जवाबदेही दाखिल की थी। कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण इस मामले की सुनवाई के लिए 15 मार्च की तारीख निर्धारित की गई है।  

इस मामले में सुंदरपुर के कौशलेश नगर कॉलोनी निवासी प्रमील पांडेय ने अपने अधिवक्ता गिरीश उपाध्याय, मुकेश मिश्रा के जरिये अदालत में वाद दाखिल किया था। सिविल जज जूनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक प्रथम ने इसे संज्ञान लेते हुए बीएचयू से अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिया था।

दाखिल जवाब में बीएचयू ने कहा था कि एकेडमिक कैंपस में धार्मिक संगठनों की क्या जरूरत है। उधर, दाखिल वाद में कहा गया है कि बीएचयू में वर्ष 1931 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा शुरू हुई थी।

बता दें कि महामना पं० मदन मोहन मालवीय की पहल पर वर्ष 1937-38 में दो कमरों का संघ भवन बनवाया गया था। महामना ने उस समय के प्रति कुलपति राजा ज्वाला प्रसाद से भवन बनवाया था। बाद में इमरजेंसी काल में 22 फरवरी को 1976 को तत्कालीन कुलपति कालूलाल श्रीमाली के कार्यकाल में संघ भवन को रातों रात गिरवा दिया गया था।