BHU: PHD परीक्षा में अनियमितता को लेकर छात्रों का फूटा आक्रोश, विश्वविद्यालय प्रशासन का फूंका पुतला

 
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित परीक्षा नियंता कार्यालय पर छात्र 19 दिनों से धरना दे रहे हैं। जिसके साथ ही दो छात्रों ने दो दिनों से आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया है। आमरण अनशन के दूसरे दिन छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने पुतला दहन किया। 

छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए परीक्षा नियंता का पुतला फूंका। छात्रों का आरोप है कि हम पिछले 17 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी बातें नहीं मानी गई। इसके विरोध में हम लोगों ने आमरण अनशन प्रारंभ किया और अभी तक किसी भी संबंधित अधिकारी द्वारा उचित कार्रवाई नहीं किया गया और ना ही आकर हम लोगों को आश्वासन दिया गया। छात्रों का कहना है कि अगर हमारी बातें नहीं मानी गई तो हम लोग धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। छात्रों ने कहा कि जब तक एडमिशन का नोटिफिकेशन जारी नहीं होगा आंदोलन करते रहेंगे। 

छात्रों ने गुरुवार से शुरू किया है आमरण अनशन

बीएचयू में पीएचडी में प्रवेश समेत अन्य मांगों को लेकर छात्रों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया था। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव करने के साथ ही जमके नारेबाजी भी किया था। इसके बाद छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए। उनका कहना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया सत्र 2023-24 अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है।

1 साल से छात्र कर रहे इंतजार

छात्रों का कहना है कि वह एक साल से इसका इंतजार कर रहे हैं। दिसंबर 2023 में नेट उत्तीर्ण विद्यार्थियों को पिछली प्रवेश प्रक्रिया में मौका नहीं दिया गया एवं आने वाली प्रवेश प्रक्रिया में भी इनको रोके जाने की बात कही गई है।

केन्द्रीय कार्यालय के बाहर जमकर किए थे नारेबाजी

आमरण अनशन की शुरुआत छात्रों ने केन्द्रीय कार्यालय पहुंच कर किया था। इस दौरान लगभग दर्जनों की संख्या में छात्रों का समूह कार्यालय के बाहर बैनर पोस्टर लेकर पहुंचा था। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की इस बीच उनके हाथ में महात्मा गांधी की तस्वीर थी। छात्रों के विरोध को देखते हुए प्राक्टोरियल बोर्ड के टीम के उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन छात्र वहीं धरने पर बैठ गए थे। जिसके कारण केन्द्रीय कार्यालय का मुख्य गेट 1 घंटे तक बंद करना पड़ा था।

मीटिंग में भी नहीं निकला कोई निर्णय

धरने पर बैठे छात्रों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन की बैठक हुई, लेकिन उसमें कोई भी निर्णय नहीं निकला। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय हमें गुमराह कर रहा है और सिर्फ आश्वासन देकर हमारा धरना समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि जब तक दाखिले की नोटिफिकेशन नहीं आ जाएगी तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

छात्रों ने कहा विश्वविद्यालय हम लोगों को कर रहा गुमराह

आमरण अनशन प्रारंभ कर चुके दिव्यांश दुबे ने बताया कि दिसंबर-2023 में नेट में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को पीएचडी प्रवेश में वरीयता देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर लेकर BHU के परीक्षा नियंता कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं किसके साथ ही हम अब आमरण अनशन प्रारंभ कर चुके हैं, लेकिन हमे सिर्फ गुमराह किया जा रहा हैं। मीटिंग की जाती है लेकिन मीटिंग में क्या बात हुआ उसका भी अपडेट नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ हम लोगों को धरना समाप्त करने की बात कही जा रही।

प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात, धरना स्थल पर कर रहे पढ़ाई

धरने पर बैठे छात्रों के आवरण अनशन शुरू करने के ऐलान के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आया है। धरना स्थल पर प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात की गई है। वहीं धरने पर बैठे छात्रों का कहना है हम अपनी पढ़ाई यही धरना स्थल पर करेंगे, छात्र अपने पुस्तकों के साथ वहां पढ़ाई करते हुए भी दिखाई दिए।

धरने पर बैठे छात्रों की प्रमुख मांग

- दिसम्बर 2023 सत्र के प्रवेश प्रक्रिया को अविलंब शुरू किया जाए।

- मनमाने तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों पर हो रहे कार्यवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।

- गुणवत्तापूर्ण शोध के लिये छात्रावासों में शोधार्थियों को सिंगल कमरे का आवंटन किया जाए।

- विश्वविद्यालय परिसर में अप्रत्याशित ढंग से पेड़ो की कटाई पर रोक लगाई जाए।