BHU स्पेशल कोर्स एडमिशन: कई कोर्स में दाखिले को नहीं आए आवेदन, 50 फीसदी सीटें भरना भी मुश्किल
वाराणसी। बीएचयू में 60 स्पेशल कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि इनमें कई ऐसे स्पेशल कोर्स हैं, जिनमें एडमिशन के लिए आवेदन ही नहीं आए। ऐसे में इनमें एक भी छात्र का प्रवेश न होने की आशंका है। 60 स्पेशल कोर्स में अधिकतम 2062 सीटों पर प्रवेश होना था, लेकिन बताया जा रहा है कि 1000 सीटें भी नहीं भर पाएंगी।
स्पेशल कोर्स में आवेदन की समयसीमा समाप्त हो चुकी है। एडमिशन की प्रक्रिया जारी है, लेकिन कई संकायों में जद्दोजहद चल रही है। दोबारा नियम और शर्त बदलकर प्रवेश देने की मांग उठ रही है। कई फैकल्टी का कहना है कि ज्यादातर कोर्स में सिर्फ बीएचयू के ही छात्रों को आवेदन की अनुमति मिली थी। इस तरह से सीमित छात्रों ने ही आवेदन किया। कई कोर्स में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मौका दिया गया है।
बीएचयू मेन कैंपस में 12वीं की पढ़ाई होती ही नहीं है। ऐसे में कई बाहरी अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया है। जबकि स्पेशल कोर्स को लेकर इस बार पूर्व कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने बीएचयू के ही छात्रों के प्रवेश का नियम बनाया था। बीएचयू के स्पेशल कोर्स के भविष्य पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। डिप्लोमाधारियों को बीएचयू के छात्रों का पासबुक यानी कि आईकार्ड मिल जाता था। जिससे वह अस्पताल और लाइब्रेरी सुविधाओं का भरपूर इस्तेमाल और दुरुपयोग कर पाते थे।
बाहरी छात्रों के प्रवेश को लेकर विवाद भी उठ गया कि कुछ बाहरी लोग केवल पासबुक, लाइब्रेरी और हॉस्टल में एक्सेस के लिए ही डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेते हैं। ऐसे में पिछले साल डिप्लोमा प्रवेश के नियमों को सीमित कर दिया गया। सिर्फ बीएचयू के ही स्नातक, परा स्नातक और पीएचडी छात्रों को प्रवेश के लिए अनुमति दी गई। परीक्षा नियंता कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जो कोर्स शाम के वक्त चलते हैं केवल उन्हीं में सिर्फ बीएचयू के छात्रों को मौका दिया गया है। वहीं, फुल टाइम स्पेशल कोर्स में बाहरियों को भी मौका दिया गया है।