बीएचयू के ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ ने ऑस्ट्रेलिया में पेश किया लिगामेंट ग्राफ्ट पर शोध, घुटनों के गंभीर चोटों के उपचार में प्रभावी है तकनीकी
वाराणसी। बीएचयू के आर्थोपेडिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ सर्जन डॉ. संजय यादव ने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एशिया पैसिफिक आर्थोपेडिक एसोसिएशन मीटिंग में एक महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत किया। यह तकनीकी घुटनों के गंभीर चोटों के उपचार में अत्यंत प्रभावी है। उनके शोध को चिकित्सकों व विशेषज्ञों ने सराहा।
उनका शोध "घुटने की चोटों में लिगामेंट ग्राफ्ट की भूमिका" विषय पर केंद्रित था, जिसमें उन्होंने यह दर्शाया कि किस प्रकार लिगामेंट ग्राफ्ट तकनीक घुटनों की गंभीर चोटों के उपचार में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही है। डॉ. यादव के अनुसार, यह तकनीक न केवल मरीजों की रिकवरी प्रक्रिया को तेज करती है, बल्कि दीर्घकालिक कार्यात्मक सुधार और जीवन की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय वृद्धि लाती है।
सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए चिकित्सा विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने डॉ. यादव की प्रस्तुति को सराहा और इसे नवाचारी व उपयोगी बताया। चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने इस शोध के संभावित प्रभाव और इसके व्यवहारिक अनुप्रयोगों पर भी विचार-विमर्श किया। डॉ. यादव का यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर योगदान भारत के चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। यह शोध न केवल घुटनों की सर्जरी में नई संभावनाएं खोलता है, बल्कि बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की शोध क्षमता को भी वैश्विक मंच पर उजागर करता है।