कचरा प्रबंधन में बनारस यूपी में नंबर 1, शहर की तर्ज पर गांवों में हो रहा कूड़ा कलेक्शन 

ठोस और तरल कचरा प्रबंधन में वाराणसी यूपी में पहले पायदान पर पहुंच गया है। ठोस और तरल कचरा प्रबंधन में 83.81 फीसद आच्छादन की वजह से यह उपलब्धि हासिल हुई है। जिले के गांवों में भी शहर की तर्ज पर कूड़ा कलेक्शन का काम किया जा रहा है। वहीं लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया जा रहा। प्रदेश की रैंकिंग में बुलंदशहर दूसरे और अलीगढ़ तीसरे स्थान पर है, जबकि कानपुर देहात सबसे पीछे है। 
 

वाराणसी। ठोस और तरल कचरा प्रबंधन में वाराणसी यूपी में पहले पायदान पर पहुंच गया है। ठोस और तरल कचरा प्रबंधन में 83.81 फीसद आच्छादन की वजह से यह उपलब्धि हासिल हुई है। जिले के गांवों में भी शहर की तर्ज पर कूड़ा कलेक्शन का काम किया जा रहा है। वहीं लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया जा रहा। प्रदेश की रैंकिंग में बुलंदशहर दूसरे और अलीगढ़ तीसरे स्थान पर है, जबकि कानपुर देहात सबसे पीछे है। 

वाराणसी की 475 ग्राम पंचायतों में से 264 में रिसोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) बनाए गए हैं। यहां ई-रिक्शा के जरिये सूखे और गीले कचरे का डूर-टू-डूर कलेक्शन किया जाता है। एकत्र कचरे को आरआरसी पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के जरिये अलग-अलग कर प्लास्टिक बोतल और अन्य धातुओं को कबाड़ी को बेचा जाता है। अनुपयोगी प्लास्टिक के निस्तारण के लिए प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन यूनिट में भेजा जाता है। गीले कचरे से जैविक खाद तैयार कर प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है। इसे बेचने की तैयारी है। 

सीडीओ हिमांशु नागपाल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन में बनारस जिला प्रदेश में नंबर एक बना है। जिले के गांवों में भी शहर की तर्ज पर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था की गई है। गांवों में स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।