मस्जिदों व ईदगाहों में अदा की गई बकरीद की नमाज, देश में अमन-चैन और खुशहाली की मांगी दुआ
वाराणसी। गंगा-जमुनी तहजीब वाले शहर काशी में बकरीद हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। सुबह-सुबह मुस्लिम बंधुओं ने ईदगाहों व मस्जिदों पर नमाज अदा की। इस दौरान देश में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी। वहीं एक-दूसरे को गले लगकर बकरीद की मुबारकबाद दी। इसके बाद जानवरों की कुर्बानी दी जाएगी।
काशी विद्यापीठ ईदगाह के मुफ्ती शमीम अल अहमद हुसैनी ने बताया कि ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई। इस मौके पर दो रकात नमाज पढ़ी जाती है। इस दौरान मुल्क के अंदर अमन-सलामती और भाईचारे के लिए दुआ की गई। इस के बाद कुर्बानी होगी। इस मौके पर हर मुस्लिम हिंदू, जो भी भी इसमें शामिल होना चाहे, उसे शामिल करना चाहिए। उन्होंने मुल्क की सरकार को मुबारकबाद पेश की। उम्मीद किया कि सरकार मुसलमानों के मसलों को नजरअंदाज किए बगैर उनका ध्यान रखा जाएगा। सबका साथ और सबका विकास के नारे पर सरकार ध्यान और तवज्जो देगी।
काशी विद्यापीठ ईदगाह में नमाज पढ़ने पहुंचे नमाजी खालिद कमाल ने कहा कि बकरीद हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। ईदगाह में नमाज अदा की गई। इस दौरान देश में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ मांगी गई। हमारा देश अगले पांच सांल में और तरक्की हासिल करे। उन्होंने नमाज के बाद लोग अपने घरों में कुर्बानी देंगे। इसके अलावा शहर की अन्य मस्जिदों और ईदगाहों में भी नमाज अदा की गई।
सुबह 6 से 10.30 बजे तक नमाज
कुर्बानी का पर्व बकरीद की नमाज मस्जिदों और ईदगाहों में अदा की जाएगी। मस्जिद और ईदगाह नमाजियों से गुलजार है, सुन्नत (मुहम्मद की परंपराओं) के अनुसार विशेष नमाज़ पढ़ी गई। नमाज का सिलसिला सुबह छह बजे से शुरू हुआ। अंतिम नमाज लंगड़ा हाफिज मस्जिद में 10:30 बजे अदा की गई। सुबह छह बजे से दिन में 10.30 बजे तक विभिन्न मस्जिदों व ईदगाहों में नमाज अदा की गई। जामा मस्जिद बर्नापुर 7.00 बजे, मस्जिद ज्ञानवापी 7.30 बजे, जामा मस्जिद नदेसर 7.15 बजे, मस्जिद आलमगीरी धरहरा 8.00 बजे, मस्जिद नवाब टोंक गिलटबाजार 8.30 बजे, मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क 10.30 बजे के अलावा शिया मस्जिदों में दरगाह फातमान लल्लापुरा में 10.00 सदर इमामबाड़ा में 10.30 बजे नमाज अदा की गई। इससे पहले रविवार को विश्व शांति, सौहार्द और बरकत की कामना के साथ मस्जिदों में अकीदतमंदों ने दुआख्वानी की। प्रमुख मस्जिदों में लंगड़ा हाफिज, नदेसर जामा मस्जिद, लोहता, मदनपुर, रेवड़ी तालाब, बेनियाबाग, रेवड़ी तालाब सहित सभी मस्जिदों में दुआख्वानी की गई।