बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार से अधिवक्ताओं में आक्रोश, कचहरी में किया प्रदर्शन, बांग्लादेश के पीएम का पुतला फूंका
वाराणसी। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों के क्रम में कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया और बांग्लादेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री का पुतला फूंककर विरोध दर्ज कराया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि ‘दीपू’ नामक व्यक्ति को कथित रूप से नंगा कर जला दिया गया, जो मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि इस तरह की घटनाएं वहां की सरकार और प्रधानमंत्री के इशारे पर हो रही हैं, जो बेहद निंदनीय और दुखद है।
अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, हिंसा और हत्याओं के मामलों में सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों का सम्मान करने वाला देश है, ऐसे में पड़ोसी देश में हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधना उचित नहीं होगा। सरकार को कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि भारत में रह रहे रोहिंग्या समेत अन्य शरणार्थी समुदायों को सुरक्षा और मानवीय व्यवहार मिलता है। भारत न तो अत्याचार में विश्वास करता है और न ही किसी के साथ अमानवीय व्यवहार होने देता है। इसके विपरीत, बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जो हो रहा है, वह धार्मिक असहिष्णुता और मानवाधिकार उल्लंघन का उदाहरण है।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश सरकार ने समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की, तो विरोध प्रदर्शन और तेज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज का पुतला दहन एक चेतावनी है और आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।