साइबर ठगों की मददगार सहायक बैंक प्रबंधक गिरफ्तार, खाते खुलवाने और लेन-देन में दी थी मदद, सीबीआई ने पकड़ा
वाराणसी। साइबर अपराधियों को बैंकिंग सुविधाओं का दुरुपयोग कराने के आरोप में सहायक बैंक प्रबंधक शालिनी सिन्हा को सीबीआइ ने चितईपुर केनरा बैंक की शाखा से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर फर्जी और संदिग्ध खातों को खुलवाने तथा उनमें रुपये के अवैध लेन-देन में सहयोग करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद मामले में बड़े साइबर ठगी नेटवर्क के खुलासे की संभावना जताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, साइबर अपराधियों द्वारा बैंक खातों के जरिए ठगी की रकम इधर-उधर करने की शिकायतें सामने आने के बाद जांच एसीबीआई सक्रिय हुई थीं। जांच में पता चला कि आरोपी सहायक बैंक प्रबंधक ने नियमों को दरकिनार कर कई संदिग्ध खातों को खुलवाने में मदद की। इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगों द्वारा लोगों को धोखा देकर प्राप्त धनराशि के लेन-देन में किया जा रहा था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपी ने साइबर अपराधियों को न केवल खाते खुलवाने में सहयोग दिया, बल्कि खातों की निगरानी और लेन-देन से जुड़ी जानकारियां भी साझा कीं। इससे ठगों को लंबे समय तक अवैध गतिविधियां संचालित करने में आसानी हुई। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है। सीबीआई ने आरोपी सहाय़क शाखा प्रबंधक को कोर्ट में पेश किया। वहां से न्यायिक हिरासत में लेकर दिल्ली चली गई।
मामले में गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं तथा किन-किन शाखाओं के खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया।
पुलिस और साइबर सेल अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध के मामलों में बैंक कर्मचारियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या मिलीभगत पाई जाती है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई को साइबर ठगी के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।