अस्सी घाट पर नगर निगम कर्मियों व दुकानदारों के बीच नोकझोंक, फूड कोर्ट की दुकानें सील करने गई थी टीम
वाराणसी। आवंटन निरस्त होने के बाद मंगलवार को अस्सी घाट पर दुकानों को सील करने पहुंची नगर निगम की टीम के साथ दुकानदारों की नोकझोंक और धक्कामुक्की हुई। दुकानदार दुकानें खाली न करने पर अड़ गए। इससे उहापोह की स्थिति पैदा हो गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने समझाकर शांत कराया। इसके बाद नगर निगम की टीम लौट गई। नगर निगम की ओर से फूड कोर्ट की 13 दुकानों को सील कर दिया गया है।
दरअसल, नगर निगम की ओर से अस्सी घाट पर फूड कोर्ट में दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई हैं। नगर निगम ने मानकों की अनदेखी पर दुकानों का आवंटन निरस्त कर दिया है। वहीं दुकानदारों को दुकान खाली करने का समय दिया गया था। दुकानें खाली न किए जाने पर नगर निगम की टीम मंगलवार को पहुंची और दुकानों को खाली कराकर सील करने लगे। दुकानदारों ने इसका विरोध कर दिया। दुकानदार आवंटन नियमावली के अनुसार 2027 तक दुकान पर काबिज रहने के लिए अड़ गए। इसको लेकर नगर निगम कर्मियों और दुकानदारों के बीच जमकर नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई।
फूड कोर्ट के दुकानदारों का कहना रहा कि हमने नगर निगम को दुकान चलाने के लिए पैसा दिया था। 2022 में फूड कोर्ट का उद्घाटन हुआ। हमें 2022-27 तक दुकान चलाने का अधिकार दिया गया। अब मांस मदिरा परोसे जाने का अनर्गल आरोप लगाकर बीच में ही फूड कोर्ट बंद कराया जा रहा है। दुकानदारों ने कहा कि इस मामले की आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई है। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। अदालत का जो आदेश होगा, उसके अनुसार काम करेंगे। दुकानदारों ने कहा कि नगर निगम यदि बीच में दुकानें खाली कराना चाहता है तो हमारे पैसे हमें वापस कर दे।
अस्सी फूड स्ट्रीट अध्यक्ष आशीष बिंद ने बताया कि जब से ये शुरू हुआ है तब से नगर निगम हमेशा हमें परेशान कर रहा है। 24 अप्रैल को नगर निगम ने पहली नोटिस भेजी थी। उसमें कहा गया कि 2019 के एग्रीमेंट के हिसाब से 2024 में टेंडर पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि हमने नगर निगम को जवाब में लिखा कि हमारा फूड स्ट्रीट 2022 में शुरू हुआ था उस हिसाब से हमारा 2027 तक एग्रीमेंट हुआ। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई। इसमें उन्होंने यह बात सही मानी कि दुकान का उद्घाटन 2022 में हुआ था। उसके बाद हमें दूसरी नोटिस दी गई जिसमें यह कहा गया कि हम मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं और दुकान खाली करने का आदेश दे दिया।
नगर निगम भेलूपुर जोन के जोनल अधिकारी जितेंद्र कुमार आनंद ने कहा कि नगर आयुक्त के आदेश का पालन करते हुए सभी 13 दुकानों को सील कर दिया गया है। सील करने के बाद दुकानदार थोड़ी बहुत नाराजगी दिखा रहे, लेकिन पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामले को शांत कर दिया गया है।