हेमंत सिंह हत्याकांड को लेकर अपना दल (कमेरावादी) का प्रदर्शन, पीएम जनसंपर्क कार्यालय जाने से रोकी गईं पल्लवी पटेल, पुलिस से हुई धक्कामुक्की

 

वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर कॉलोनी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय पर ज्ञापन देने जा रहे अपना दल (कमेरावादी) कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया। सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल के नेतृत्व में कार्यकर्ता आईपी विजया चौराहे पर एकत्र हुए थे। वहां से पैदल मार्च करते हुए वे गुरुधाम चौराहे तक पहुंचे, लेकिन डीसीपी काशी जोन के नेतृत्व में पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें वहीं रोक दिया। इस दौरान पल्लवी पटेल ने पुलिस अधिकारियों से वार्ता कर ज्ञापन सौंपा और वहीं धरने पर बैठ गईं। इस दौरान कार्यकर्ताओं से पुलिस की धक्कामुक्की भी हुई।

पल्लवी पटेल ने बताया कि वह शिवपुर स्थित खुशहाल नगर कॉलोनी में अधिवक्ता के बेटे और छात्र हेमंत सिंह पटेल की हत्या के विरोध में ज्ञापन देने आई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें जनसंपर्क कार्यालय तक नहीं जाने दिया और चौराहे पर ही रोक दिया। पल्लवी पटेल ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और सरकार तथा प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ उनकी पार्टी आवाज उठा रही है। उन्होंने मांग किया कि हेमंत पटेल की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के प्रबंधक रामबहादुर सिंह समेत सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

ज्ञापन में पल्लवी पटेल ने पांच प्रमुख मांगें रखीं। इनमें पहला, सभी साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी; दूसरा, ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल की सभी मान्यताओं को रद्द कर उसे सील करना; तीसरा, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करना; चौथा, पूरे मामले की जांच किसी राजपत्रित अधिकारी की निगरानी में निष्पक्ष ढंग से कराना; और पांचवां, आरोपियों को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित करना शामिल था।

धरने के दौरान पल्लवी पटेल के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों ने घटना में शामिल दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए विद्यालय का पंजीकरण रद्द करने की भी आवाज उठाई। पल्लवी पटेल ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्रशासन का कोई वरिष्ठ अधिकारी या भाजपा जनसंपर्क कार्यालय का प्रतिनिधि ज्ञापन लेने नहीं आता, तब तक वे धरना समाप्त नहीं करेंगे।

इसी बीच पल्लवी पटेल ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में जानबूझकर देरी की क्योंकि आरोपी का संबंध सत्ताधारी दल से है। साथ ही, जब आरोपी को थाने से जेल भेजा गया, तब उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया, जिससे पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश है। पल्लवी पटेल ने कहा कि उन्होंने खुद पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी व्यथा सुनी है और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।

पल्लवी पटेल ने चेतावनी दी कि यदि शाम छह बजे तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो अगला दिन बड़े आंदोलन का गवाह बनेगा। उन्होंने प्रशासन पर लीपापोती का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। पल्लवी पटेल ने खुद को विपक्ष के नेता के रूप में जनता की आवाज बताते हुए कहा कि वह न्याय के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगी।

इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार नोकझोंक भी देखने को मिली। पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि बैरिकेडिंग के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता और गाली-गलौज की। उन्होंने मांग किया कि दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए और इस प्रकरण को वह विधानसभा में भी उठाएंगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों वाराणसी के ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल में छात्र हेमंत पटेल की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।