संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए एंटी रैगिंग शपथ पत्र अनिवार्य, मीटिंग में हुआ निर्णय
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों में अब नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को एंटी रैगिंग शपथ पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके बाद इसे लागू कर दिया गया है।
एंटी रैगिंग कमेटी का नेतृत्व प्रो. हरिशंकर पांडेय कर रहे हैं। सात सदस्यों वाली यह समिति रैगिंग पर रोकथाम और छात्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। समिति की 26 मार्च को हुई बैठक में तय किया गया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों को ऑनलाइन एंटी रैगिंग पोर्टल पर शपथ पत्र भरना होगा और उसकी हार्डकॉपी प्रवेश आवेदन के साथ जमा करनी होगी। बिना शपथ पत्र के प्रवेश प्रक्रिया अधूरी मानी जाएगी।
यह नियम न केवल विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले छात्रों, बल्कि छात्रावासों के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों पर भी समान रूप से लागू होगा। कुलसचिव राकेश कुमार ने जानकारी दी कि रैगिंग को लेकर विश्वविद्यालय की नीति अब और सख्त कर दी गई है। यदि कोई छात्र परिसर में रैगिंग करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग से पीड़ित छात्र अपनी शिकायतें एंटी रैगिंग समिति के अध्यक्ष को प्रार्थना-पत्र के माध्यम से या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दर्ज करा सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन अधिक से अधिक छात्रों को इस नीति की जानकारी देने के लिए परिसर में होर्डिंग्स लगाने और अन्य जागरूकता माध्यमों का सहारा ले रहा है। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, रैगिंग मुक्त वातावरण बनाने और सकारात्मक अकादमिक माहौल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।