कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानों पर नाम लिखने के मामले ने पकड़ा तूल, अंजुमन इंतेजामिया के संयुक्त सचिव ने बताया मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार

 
वाराणसी। यूपी में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले दुकानदारों के दुकान पर नाम लिखने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष नागेन्द्र पांडेय का बयान भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि हमने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित दुकानदारों को नाम लिखने का निर्देश दिया है। साथ ही परिसर के बाहर स्थित दुकानों के लिए उन्होंने प्रशासन को पत्र लिखने की बात कही है। 

इसी क्रम में अब अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एस एम यासीन ने इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मुस्लिमों के बायकाट की शुरुआत है। कहा कि यह केवल मुसलमानों के प्रति नफरत फ़ैलाने के लिए किया जा रहा है। 

यासीन ने कहा कि सरकारी तौर पर मुसलमानों के बायकाट का यह पहला चरण है। यह यहीं पर नहीं रुकेगा। आगे चलकर इसके और भयावह रूप देखने को मिलेंगे। इसके बाद कहीं न कहीं कोई आएगा, जो कहेगा कि अजात बिरादरी भी लिखनी होगी। कहा कि सरकार का यह आदेश हिंदू और मुसलमान के पहचान लिए आया है। यह एक आर्थिक बायकाट है। 

यासीन ने आगे कहा कि अभी एक नेता के बयान आया है कि इसकी शुद्धता ख़राब हो रही है। हम इतने सालों से बेच रहे थे तब शुद्धता नहीं देखी गई? यह सब केवल 2024 का इलेक्शन हारने का नतीजा है। ये अपनी कुंठा निकाल रहे हैं, क्योंकि ये देख रहे हैं कि सब एकता बढती जा रही है और मजबूत होती जा रही है। 

हम हमेशा से शांति की अपील करते हैं, सरकार का यह नियम देशहित में नहीं है। सरकार ताकत के बूते नाम लिखवा रही है। पुलिस जबरन दुकानों पर लोगों के नाम लिखवा रही है।