बिना परमिशन किसानों के धरने में हुईं शामिल, मछलीशहर की इस प्रत्याशी पर फूलपुर में मुकदमा दर्ज, जानिए क्या है मामला

9 अप्रैल को मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज तहसील पिंडरा में काशी द्वार के विरोध में धरने पर बैठे किसानों के बीच जाकर सभा को सम्बोधित किया था।
 
वाराणसी। मछलीशहर संसदीय क्षेत्र से पीडीए व सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज को आचार संहिता का उल्लंघन करना महंगा पड़ गया। फूलपुर थाने में फूलपुर थाने मे एफएसटी द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

विदित हो कि गत 19 अप्रैल को मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज तहसील पिंडरा में काशी द्वार के विरोध में धरने पर बैठे किसानों के बीच जाकर सभा को सम्बोधित किया था। इस दौरान सपा प्रत्याशी स्वयं बिना परमिशन के किसानों के साथ धरने पर बैठ गई थीं।

जिस पर बिना अनुमति के सभा सम्बोधित करने आचार संहिता के उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए एफएसटी के अधिकारी श्यामनारायण यादव ने फूलपुर थाने पर तहरीर दी थी। जिसपर फूलपुर थाने में आचार संहिता के उलंघन के तहत सपा प्रत्याशी प्रिया सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

दो महीने से धरनारत थे किसान

दरअसल, काशी द्वार योजना के विरोध में किसान तहसील पिंडरा में दो महीने से धरने पर बैठे थे। किसानों को धरना खत्म करने को लेकर डीएम से लगायत पुलिस अधिकारियों के साथ लेकर कई दौर की वार्ता हुई थी।

इसी बीच रविवार देर रात फूलपुर पुलिस उच्चाधिकारियों के निर्देश पर चुनाव आचार संहिता लागू होने व धारा 144 लागू होने के बाद भी बिना किसी परमिशन के धरना देने का आरोप लगाते हुए रात्रि में धरने पर बैठे संतोष पटेल व बुजुर्ग गिरधारी पटेल को उठा ले गई।

सोमवार की सुबह बुजुर्ग गिरधारी लाल को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। किसान नेता संतोष पटेल का पुलिस ने 151 में चालान कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर पीडीए के नेता व केराकत विधायक तूफानी सरोज, मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की प्रत्याशी प्रिया सरोज, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व जिला उपाध्यक्ष राजीव राम समेत अनेक नेता थाने पर पहुंचकर किसान नेता संतोष पटेल को छोड़ने की मांग करने लगे।