वाराणसी : BHU और IIT-BHU के बीच हुआ 5 वर्षों का समझौता, संयुक्त रूप से होंगे शोध 

 
BHU और IIT-BHU अब एक साथ सहयोगात्मक रिसर्च करेंगे। इसके लिए सहयोगात्मक रिसर्च पर पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार आवेदन के संबंध में समझौता किया गया है। दोनों संस्थानों के बीच इस बारे में पांच साल के लिए समझौता ज्ञापन पर बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह और आईआईटी-बीएचयू के डीन प्रो. विकास कुमार दुबे ने शुक्रवार को दस्तखत किया। आईआईटी बीएचयू के निदेशक, प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि दोनों संस्थानों के आपसी  हित के लिए सहयोग का ये नया दौर है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के बीच यह सहमति दोनों स्थानों के विकास की नतीजा है।
 

वाराणसी। BHU और IIT-BHU अब एक साथ सहयोगात्मक रिसर्च करेंगे। इसके लिए सहयोगात्मक रिसर्च पर पेटेंट और बौद्धिक संपदा अधिकार आवेदन के संबंध में समझौता किया गया है। दोनों संस्थानों के बीच इस बारे में पांच साल के लिए समझौता ज्ञापन पर बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह और आईआईटी-बीएचयू के डीन प्रो. विकास कुमार दुबे ने शुक्रवार को दस्तखत किया। आईआईटी बीएचयू के निदेशक, प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि दोनों संस्थानों के आपसी  हित के लिए सहयोग का ये नया दौर है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के बीच यह सहमति दोनों स्थानों के विकास की नतीजा है।

आईआईटी-बीएचयू के डीन प्रो. विकास कुमार दुबे इसके साथ ही साथ सभी सब्जेक्ट के रिसर्च  में पेटेंट और  बौद्धिक संपदा हासिल करने के प्रयासों को भी तेजी मिलेगी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान, मानविकी और  विज्ञान में स्टडी और रिसर्च  के लिए बहुत अच्छा माहौल है। आईआईटी (बीएचयू) भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। ऐसे में दोनों संस्थानों के साथ आने से रिसर्चस को कई अवसर मिलेंगे जो की उत्पादों और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर काम करना चाहते हैं।

समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दोनों संस्थान पेटेंट और  बौद्धिक संपदा अधिकार के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करेंगे। इस सहमति से रिसर्चस  को आईपीआर और  पेटेंट के आवेदन व उन्हें हासिल करने में होने वाली  मुश्किलों से निपटने में भी मदद मिलेगी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का अन्य संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन का विशेष ज़ोर है, ताकि बीएचयू के विद्यार्थियों और प्रोफेसर्स के लिए नए अवसर पैदा हों और हाई क्वालिटी  के रिसर्च  को अंजाम दिया जा सके।