श्रीकाशी विश्वनाथ धाम : एक नंबर गेट से भक्त कर रहे हैं महादेव के दर्शन-पूजन 

ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी (Gyanvapi Mosque-Shringar Gauri) का शनिवार सुबह 8 बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे (survey) शुरू हो चुका है। ऐसे में विश्वनाथ धाम (Vishwanath Dham) के गेट नंबर 4 से सभी प्रकार की आवाजाही रोक दी गयी है। ऐसे में काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के दर्शन को आये भक्तों को गेट नंबर 1 से मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जा रहा है और भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं। भक्तों ने बताया कि बिना किसी दिक्कत के आज भी दर्शन-पूजन हो रहे हैं। 
 

रिपोर्ट : नितिन शर्मा 

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी (Gyanvapi Mosque-Shringar Gauri) का शनिवार सुबह 8 बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे (survey) शुरू हो चुका है। ऐसे में विश्वनाथ धाम (Vishwanath Dham) के गेट नंबर 4 से सभी प्रकार की आवाजाही रोक दी गयी है। ऐसे में काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के दर्शन को आये भक्तों को गेट नंबर 1 से मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जा रहा है और भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं। भक्तों ने बताया कि बिना किसी दिक्कत के आज भी दर्शन-पूजन हो रहे हैं। 

बिहार से आये भक्त न बताया कि सब कुछ ऑर्गनाइज्ड तरीके से हो रहा है। सर्वे का काम अपना चल रहा है और दर्शन भी चल रहा है। आज गेट नंबर 4 से जाना प्रतिबंधित है इसलिए गेट नंबर 1 से श्रद्धालुओं को इंट्री दी जा रही है। वहीं एक अन्य श्रद्धालु लखनऊ की सुप्रिया ने बताया कि गेट नंबर एक से हम लोग गए अंदर और विश्वनाथ जी का दर्शन किया है कोई भी दिक्कत नहीं हुई है। 

वहीं एक अन्य स्थानीय ऋषि झिंगरन ने बताया कि वो विश्वनाथ गली के निवासी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी सर्वे  (survey) की अनुमति मिली थी पर हुआ नहीं था। आज इस सरकार में सर्वे की अनुमति मिली है और चाक चौबंद व्यवस्था में सर्वे हो रहा है। ऋषि ने कहा सर्वे के बाद प्रमाणित किया जाएगा सब कुछ। ऋषि ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने एक दिन भी अवरुद्ध नहीं किया। प्रशासन को आदेश नहीं मिला था। उनको आदेश मिल गया देखिए आज कोई मुस्लिम नहीं दिख रहा है। वहीं जब कहा गया की ताला-चाभी का मैटर था तो उन्होंने कहा कि कसी के भी घर पर आप जायेंगे तो वह आप से कागज़ मांगेगे बस इतनी सी बात है। 

ऋषि ने बताया कि बचपन की बहुत सी यादें ज्ञानवापी परिसर से हम लोगों की जुडी हुई है। हम लोग क्रिकेट खेलते थे तो हमारी बाल वहां चली जाती थी जिसे लेने हम लोग जाया करते थे। बाबरी विध्वंस के बाद सुरक्षा हुई तो आना जाना बंद हुआ।

देखें वीडियो 

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