बदहाल है सत्यम नगर व ओम नगर कालोनी, न सीवर है न पानी और सड़क
रिपोर्टर- ओमकारनाथ
वाराणसी। बनारस के विकास के लम्बे चौड़े दावों के बीच इसी शहर के सामने घाट के पास की दो कालोनियों के लोग सड़क, सीवर और पेयजल की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बारिश में तो इनकी और बदतर स्थिति हो जाती है। नेता, अधिकारियों से तमाम गुहार के बावजूद कोई सुननेवाला नही। यह हाल है हरी ओम नगर कॉलोनी और सत्यम नगर कॉलोनी के लोगों का।
कालोनी के लोगों का कहना है कि महीनों पहले ठेकेदार ट्रैक्टरों से मलबा डलवाकर चला गया। उस समय कहाकि सड़क बनेगी। उसके आश्वासन से उम्मीद जगी की समस्या कम होगी लेकिन हुआ नही। उबड़-खाबड़ रास्ते पर पैदल चलना मुश्किल है। उनका यहां तक कहना है कि कम से कम मिट्टी पर रोलर तो चलवा दिया होता। वाहन सवार आयेदिन गिरते रहते हैं। कहने को तो बनारस के विकास का दुनिया में डंका पीटा जा रहा है लेकिन यहां के लोग सड़क, सीवर और पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। चुनाव के वक्त हर दल के नेता दिखाई देते हैं लेकिन बाद में गायब हो जाते हैं।
सत्यम नगर कालोनी की मीना दास खासा परेशान हैं। कहाकि बारिश में गाड़ी लेकर चलना खतरे से खाली नही है। पीने के पानी की दिक्कत है और सीवर की व्यवस्था नही है। गंदा पानी खाली प्लाटों में भरता है। हम प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि इस कालोनी का भी विकास हो। इसी कालोनी की सुनीता झा ने कहाकि सड़क बनाने के नाम पर मलबा डाल कर छोड़ दिया गया है। रोड बनाने का आश्वासन मिला था। तीन महीने से समस्या से परेशान हैं। धूल, मिट्टी घरों में जाता है।
हरिओम नगर के संतोष पांडेय का कहना है कि कालोनी के लोग पांच साल से समस्याओं से जूझ रहे हैं। सीवर, पानी की समस्या है। सड़क मलबे से अटा पड़ा है। बच्चे स्कूल जाते हैं तो खतरा बना रहता है। बारिश में गंदगी का अम्बार लग जाता है। जगह-जगह जमा पानी से होकर लोगों को आना-जाना पड़ता है। जम हमलोग नेता या अधिकारी के पास जाते हैं तो आश्वासन मिलता है। लेकिन आश्वासन पूरा नही होता। सत्यम नगर के उमाशंकर शुक्ला का कहना है कि इस कालोनी को ठेकेदार ने मिट्टी डालकर और नरक बना दिया है। सीवर की व्यवस्था ही नही है। नाली नही तो पानी कहां जाएगा। पूरी कालोनी के लोग परेशान हैं। प्रशासन और सत्ताधारी दल को हमलोगों की भी सुधि लेनी चाहिए। विकास में हमारी कालोनियां बहुत पीछे हैं।