रामलीला : जानकी और लखन संग वनवास के लिए निकले प्रभु श्रीराम, जगह-जगह हुई आरती 

श्री आदि लाट भैरव रामलीला समिति वरुणा संगम काशी की रामलीला का मंचन गुरुवार की शाम किया गया। इसमें प्रभु श्रीराम अपनी भार्या सीता और भाई लक्ष्मुण संग वनवास के लि‍ए नि‍कले। इस दौरान विशेश्वरगंज से धनेशरा तालाब पीलीकोठी वनगमन तक प्रभु की यात्रा नि‍कली। लोगों ने बीच-बीच में आरती की। 
 

वाराणसी। श्री आदि लाट भैरव रामलीला समिति वरुणा संगम काशी की रामलीला का मंचन गुरुवार की शाम किया गया। इसमें प्रभु श्रीराम अपनी भार्या सीता और भाई लक्ष्मुण संग वनवास के लि‍ए नि‍कले। इस दौरान विशेश्वरगंज से धनेशरा तालाब पीलीकोठी वनगमन तक प्रभु की यात्रा नि‍कली। लोगों ने बीच-बीच में आरती की। 

पिता महाराज दशरथ के वचन के पालन के लिए प्रभु श्रीराम ने वनगमन का मार्ग चुन लिया। इसका मंचन कलाकारों की ओर से किया गया। प्रभु के वनगमन यात्रा के दौरान लोगों ने जगह-जगह आरती उतारी। विधिवत भोग आरती और पूजन किया। रामलीला समिति के व्यास दयाशंकर त्रिपाठी (दया गुरु) जी के नेतृत्व में हनुमान फाटक निवासी शम्भू नाथ पांडेय के यहां पर भी भगवान श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मिण का पूजन अर्चन किया गया।

इस दौरान शम्भूनाथ पांडेय, (नैपाली), शंकरनाथ पाण्डेय, अंजनी पाण्डेय (एडवोकेट) गोपाल पाण्डेय, कैलाश पाण्डेय, अतुल पाण्डेय, अंकुर पाण्डेय आदि‍ ने वि‍धि‍वत पूजा अर्चन किया। लोगों ने प्रभु श्रीराम-माता जानकी का आशीर्वाद लिया।