राजधानी एक्सप्रेस मात्र पांच घंटे में पहुंचाएगी वाराणसी से लखनऊ, शटल ट्रेनों की तर्ज पर होगा संचालन 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक राजधानी एक्सप्रेस बसें चलेंगी, जो मात्र पांच घंटे में यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाएंगी। शटल ट्रेनों की तर्ज पर इनका संचालन होगा। हालांकि आधुनिक सुविधाओं से लैस इन सुपरफास्ट बसों में सफर करने वाले यात्रियों को सामान्य बसों से दस गुना अधिक किराया देना होगा। बसें जौनपुर बाईपास से होकर सुल्तानपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे होते हुए सीधे लखनऊ पहुंचेंगी। जनवरी से यह सुविधा शुरू होने की उम्मीद है। 
 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी से प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक राजधानी एक्सप्रेस बसें चलेंगी, जो मात्र पांच घंटे में यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाएंगी। शटल ट्रेनों की तर्ज पर इनका संचालन होगा। हालांकि आधुनिक सुविधाओं से लैस इन सुपरफास्ट बसों में सफर करने वाले यात्रियों को सामान्य बसों से दस गुना अधिक किराया देना होगा। बसें जौनपुर बाईपास से होकर सुल्तानपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे होते हुए सीधे लखनऊ पहुंचेंगी। जनवरी से यह सुविधा शुरू होने की उम्मीद है। 

इन बसों का संचालन वाराणसी कैंट, चंदौली (कैंट होकर), जौनपुर, सोनभद्र व विंध्य नगर डिपो से किया जाएगा। इन बसों का रंग अलग होगा। ये बसें महज पांच घंटे लखनऊ पहुंचाएंगी। अभी लंबी दूरी की बसों को वाराणसी से लखनऊ पहुंचने में लगभग सात से आठ घंटे का समय लगता है। भोर में चार बजे के बाद बसें लखनऊ के लिए रवाना होती हैं। इन बसों की सबसे खास बात यह कि इनमें सिर्फ लखनऊ जाने वाले यात्री ही बैठाए जाएंगे। बीच में पड़ने वाले स्टापेज जैसे जौनपुर, बदलापुर, सुल्तानपुर, मुसाफिरखाना, जगदीशपुर, हैदरगढ़ में इनका ठहराव नहीं होगा। रास्ते में ढाबों पर भी बसें नहीं रुकेंगी। 

कैंट से चलने वाली बस सुबह छह बजे निकलेगी, जो 11 बजे तक लखनऊ के आलमबाग बस अड्डा पहुंचेगी। यह बस लखनऊ से शाम छह बजे निकलेगी, जो रात 11 बजे वाराणसी कैंट बस डिपो पहुंच जाएगी। चंदौली डिपो से बस शाम सात बजे निकलकर नौ बजे तक कैंट पहुंचेगी। यहां से 15 मिनट बाद लखनऊ के लिए रवाना होगी, जो भोर में तीन से चार बजे के बीच लखनऊ पहुंचेगी। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि राजधानी बसों का टाइमटेबल निर्धारित कर दिया गया है। जनवरी में बसों के आने की उम्मीद है। जरूरत के हिसाब से टाइम टेबल में बदलाव भी किया जा सकता है।