नवरात्र का व्रत : टमाटर, हल्दी, लौकी नहीं है फलाहार, भूलकर भी न करें सेवन
रिपोर्ट : ओमकारनाथ
वाराणसी। चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। ऐसे में व्रती महिलाएं बाजारों में व्रत के सामान और फलाहार खरीदने के लिए उमड़े रहीं हैं। कई बार देखा गया है कि नवरात्री के फलहार को लेकर कई सारी भ्रांतियां सामने आती हैं और लोग उन चीजों का भी फलहार में सेवन कर लेते हैं जिन्हे शास्त्रों में वर्जित किया गया है। ऐसे में Live VNS ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय से खास बातचीत की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश...
प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि प्राकृतिक रूप में जो फल उपलब्ध हैं, जैसे सेब, केला, संतरा, पपीता, अंगूर, अनार इत्यादि का ही सेवन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग एक दिन का व्रत रखते हैं वो इन प्राकृतिक फलों, जिनमे कोई संस्कार नहीं करना, लेकर उबालना, काटना नहीं है, का ही सेवन करें। साथ ही जो 9 दिन के व्रती हैं उन लोगों के फलाहार के क्रम में कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, तिन्नी का चावल, बक्ला का दाल, आलू, बंदा और परवल फलाहार के रूप में लेते हैं।
टमाटर और हल्दी नहीं है फलाहार
ज्योतोष विभाग के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि नवरात्र में क्या-क्या फलहार है, ये ज्यादातर लोगों को पता है पर अभी भी दो भ्रांतियां समाज हैं, जिसमें कुछ लोग टमाटर को फल मानकर उसका सेवन कर लेते हैं जबकि वह फल नहीं है और उसका सेवन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा हल्दी भी फलाहार नहीं है। उसका अभी सेवन वर्जित है।
लौकी भी नहीं है फल, न करें सेवन
प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि लौकी को लोग सर्वश्रेष्ठ फलाहार मानते हैं, लेकिन धर्मशास्त्रों में अंकित है कि 'तुम्बीरकम' यानी जिससे तुम्बी बनती थी जिसे पहले के जमाने में साधू लोग लेकर चलते थे। ऐसे में लौकी को वर्जित किया गया है कि वह फलाहार नहीं है।
व्रती नहीं कर सकते तेल का इस्तेमाल
प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने बताया कि तेल का भी सेवन व्रती लोगों को नहीं करना है। किसी भी प्रकार का तेल नहीं खाना चाहिए। यदि किसी ने विशेष रूप से मूंगफली का तेल मंगवा रखा है तो उसे खा सकता है। इसके अलावा घी का सेवन कर सकता है।
प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय ने कहा कि सभी व्रतियों से यही कहना चाहूंगा कि जिस भी चीज पर जरा भी संशय हो उसे न खाएं किसी से पूछताछ न करें क्योंकि आप मजबूरी में नहीं आस्था में व्रत रख रहे हैं।
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