महाशिवरात्रि : शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु, लग रहा महादेव का जयघोष
रिपोर्ट : ओमकारनाथ
वाराणसी। महाशिवरात्रि पर पुराधिपति की नगरी काशी में श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान् शिव के मंदिर में उमड़ रहे हैं। मंदिरों के शहर बनारस की महिमा भी अनंत है। काशी में गंगा का प्रवेश द्वार शूलटंकेश्वर मंदिर माना जाता है। शहर से 15 किलोमीटर स्थित शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि पर शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है। मान्यता है कि जिस तरह मां गंगा के शूल नष्ट हुए उसी तरह दर्शन करने वालों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
महशिवरात्रि पर पर भोर से ही श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में मौजूद हैं। यह मंदिर पंचकोश यात्रा का पड़ाव भी है। ऐसे में महाशिवरात्रि को होने वाली पंचकोश के यात्री भी इस पड़ाव पर रात से ही पहुँच रहे हैं।
मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची भक्त शूलटंकेश्वर निवासी कामनी वर्मा ने बताया कि हम जब से पैदा हुए हैं तभी से ही बाबा के दर्शन को आ रहे हैं। यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह अवश्य पूरी होती है। इसलिए हम यहाँ हर वर्ष दर्शन को आते हैं। वहीं एक अन्य भक्त शिवम् राय ने बताया कि पिछले दस सालों से हम यहाँ बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए आ रहे हैं।
एक अन्य श्रद्धालु दीपक कुमार पाठक ने बताया कि यह बाबा का भव्य मंदिर है और इसे दूसरी काशी भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि और सावन के अलावा जब भी मन करता है हम यहां दर्शन करने आते हैं।
बता दें कि मंदिर में विशालकाय शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर में हनुमान जी, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय के साथ नंदी भी विराजमान हैं। यहां पर लोग वर्ष पर्यंत मांगलिक कार्य एवं मुंडन संस्कार कर शूलटंकेश्वर के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। काशी के दक्षिण में बसे इस मंदिर के घाटों से ही गंगा काशी में उत्तरवाहिनी होकर प्रवेश करती हैं।
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