बाबा विश्वनाथ और मां गंगा से है काशी की पहचान : प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र

तीनो लोको से न्यारी काशी नगरी की पहचान बाबा विश्वनाथ एवं उत्तरवाहिनी बहती मां गंगा से है और इसी को देखने के लिए पूरे विश्व से लोग काशी आते हैं और यही काशी की सुंदरता और पहचान है। उक्त बातें अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत एवं आईआईटी बीएचयू में प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने अमेरिका के हवाई एवं लोयोला मैरीमाउंट यूनिवर्सिटी से आये 24-25 डेलीगेट प्रोफेसरों को संबोधित करते हुए कही। 
 

तुलसी घाट पर अमेरिका से आए डेली गेट को संकटमोचन महंत ने किया संबोधित                   
वाराणसी।
तीनो लोको से न्यारी काशी नगरी की पहचान बाबा विश्वनाथ एवं उत्तरवाहिनी बहती मां गंगा से है और इसी को देखने के लिए पूरे विश्व से लोग काशी आते हैं और यही काशी की सुंदरता और पहचान है। उक्त बातें अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास के महंत एवं आईआईटी बीएचयू में प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने अमेरिका के हवाई एवं लोयोला मैरीमाउंट यूनिवर्सिटी से आये 24-25 डेलीगेट प्रोफेसरों को संबोधित करते हुए कही। 

तुलसी घाट पर हिंदुज्म काशी एवं गंगा पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोफ़ेसर विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि हिंदुज्म, काशी व गंगा तीनों एक ही स्वरूप है। हिंदुज्म, काशी व  गंगा तीनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। इन तीनों का संगम ही इनका पूरा स्वरूप है ।उन्होंने कहा कि  मां गंगा काशी की पहचान है  और काशी सनातन धर्म की राजधानी हिंदुज्म की पहचान है। मां गंगा सनातन धर्म की जीवन रेखा है। इनके बिना सनातन धर्म अधूरा है। ठीक उसी तरह काशी भी मां गंगा और हिंदुज्म  के बिना अधूरी  है।  तीनो एक दूसरे से परस्पर जुड़े हैं एक के खराब होने से तीनों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि  मां गंगा प्रदूषण से पूरी तरह अभी मुक्त नहीं हुई है, जिस शहर में सीवरेज प्रणाली है वहां मांगा प्रदूषण से कराह रही है। बनारस, प्रयागराज, कानपुर, पटना सहित गंगा के किनारे बसे शहरों का सीवेज गंगा में बहाया जा रहा है जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है ।मां गंगा को अगर प्रदूषण मुक्त करना है तो सबसे पहले इन सिवेज को गंगा में बहाने से रोकना होगा तभी मां गंगा प्रदूषण मुक्त होंगी। साथ ही काशी की पहचान यहां के घाटों, मठों मंदिरों से है। उसकी प्राचीनता को बनाए रखते हुए काशी का विकास होना चाहिए। काशी और गंगा अगर बची रहेगी तो हिंदुज्म अपने आप फले फूलेगा।

कार्यशाला के उपरांत हवाई यूनिवर्सिटी अमेरिका में प्रोफेसर ऑफ रिलेजन  प्रोफेसर रामदास लैंब के नेतृत्व में आए 25 डेलीगेट ने  प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र से काशी और गंगा के बारे में सवाल जवाब भी किया जिसका महंत जी ने बहुत ही सरलता से जवाब देते हो उनको  काशी के बारे में उनको बताया। इस अवसर पर राजेश मिश्रा अशोक पांडे,रामयश मिश्र, विनय पांडे अदि उपस्थित थे।