गंगा कर रही रेत का कटान, चिंतित IIT-BHU के प्रोफेसर ने किया ट्वीट, कहा- पिछले साल नहर के नए प्रयोग का अब दिख रहा परिणाम 

पहाड़ी क्षेत्रों की बारिश के बाद गंगा में लगातार बढ़ाव दर्ज किया जा रहा है। वाराणसी में गंगा भी बढ़ रहीं है और गंगा अपने बायीं तरफ रामनगर की ओर रेत का कटान कर रही है, जिसे देख आईआईटी बीएचयू के प्रोफ़ेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने चिंता जताई है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए इसे पिछले वर्ष गंगा की रेत पर बनायीं जा रही नहर का परिणाम बताया है। 
 

वाराणसी। पहाड़ी क्षेत्रों की बारिश के बाद गंगा में लगातार बढ़ाव दर्ज किया जा रहा है। वाराणसी में गंगा भी बढ़ रहीं है और गंगा अपने बायीं तरफ रामनगर की ओर रेत का कटान कर रही है, जिसे देख आईआईटी बीएचयू के प्रोफ़ेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने चिंता जताई है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए इसे पिछले वर्ष गंगा की रेत पर बनायीं जा रही नहर का परिणाम बताया है। 

बता दें कि पिछले साल बनायी जा रही नहर बाढ़ में जलमग्न हो गयी थी जिसके बाद NGT में एक याचिका भी डाली गयी जिसकी सुनवाई चल रही है। यह याचिका वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अवधेश दीक्षित ने डाली है। NGT की 3 सदस्यीय पीठ ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अक्टूबर निर्धारित की है। 

इस सम्बन्ध में समाजक कार्यकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि गंगा में वर्ष 2021 में बरसात के ठीक पहले खुदाई करके नहर बनाई गई। खुदाई से निकले बालू के उठान के लिए टेंडर जारी किया गया, लेकिन बाढ़ ने नहर का अस्तित्व समाप्त कर दिया था। गंगा में खुदाई से निकले बालू का वजूद न होने के बावजूद हजारों ट्रैक्टर से अवैध खनन किया गया। सौरभ तिवारी ने कहा कि यह ऐसा प्रोजेक्ट था, जिसमें लगभग 11.95 करोड़ रुपए खर्च हुए और सरकार को मात्र 2.5 करोड़ का राजस्व लाभ सरकार को हुआ। यानी, सरकार को लगभग 9.45 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।