बरी होने के बावजूद अभी जेल में ही रहेंगे घोसी सांसद अतुल राय, लखनऊ में दर्ज है 120बी का मुकदमा 

दुष्कर्म के मामले में पिछले 36 महीनों से नैनी जेल में बंद घोसी सांसद अतुल राय को शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया, पर अभी भी उनके जेल से निकलने की राह आसान नहीं है। उनके अधिवक्ता अनुज यादव के अनुसार पीड़िता द्वारा लखनऊ में भी एक मामला 120बी का दर्ज कराया गया है। वह जैसे ही निस्तारित होगा सांसद अतुल राय के जेल से बाहर आने का रास्ता आसान हो जाएगा। 
 

वाराणसी। दुष्कर्म के मामले में पिछले 36 महीनों से नैनी जेल में बंद घोसी सांसद अतुल राय को शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया, पर अभी भी उनके जेल से निकलने की राह आसान नहीं है। उनके अधिवक्ता अनुज यादव के अनुसार पीड़िता द्वारा लखनऊ में भी एक मामला 120बी का दर्ज कराया गया है। वह जैसे ही निस्तारित होगा सांसद अतुल राय के जेल से बाहर आने का रास्ता आसान हो जाएगा। 

वहीं, एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी होने के बाद कोर्ट पहुंचे उनके पिता ने खुशी जाहिर की। बीएलडब्ल्यू से रिटायर्ड चन्द्रबली राय भी आज कोर्ट में फैसला सुनने पहुंचे थे।  कैंसर पेशेंट चन्द्रबली ने कहा कि मेरे बेटे को तीन साल से षणयंत्र के तहत जेल में रहना पड़ा।  इसमें सरकार का दोष नहीं है लेकिन मेरी सरकार से मांग है कि उन लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे जिन्होंने मेरे बेटे के लिए षणयंत्र रचा है। 

कोर्ट पहुंचे सांसद के छोटे भाई पवन कुमार सिंह ने कहा कि हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास था।  हमारी कोर्ट से मांग है कि जो लोग इस षणयंत्र के पीछे थे उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं उनके अधिवक्ता अनुज यादव ने कहा कि आज कोर्ट में जस्टिस सियाराम ने गुण-दोष के आधार पर फैसला सुनाया है, जिसमें साक्ष्य के विश्वसनीय न होने पर सांसद को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। 

एडवोकेट अनुज यादव ने मुख्तार अंसारी के खास सजायाफ्ता अंगद पर इस पूरे षणयंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा ही ये षणयंत्र किया गया था। उनसे जब पूछा गया कि आप  जब जानते थे कि ये षणयंत्र है तो फिर आप ने पूर्व में जमानत के लिए क्यों नहीं ट्राई किया तो उन्होंने कहा कि हम ट्रायल पर ध्यान दे रहे थे और उसकी तैयारी के बाद हमने जो साक्ष्य पेश किया उसके आधार पर आज सांसद रिहा हो गए।