450 वर्ष पुराना है गोस्वामी तुलसीदास अखाड़ा, नागपंचमी पर विदेशी भी हुए दंगल में शामिल, नीदरलैंड के हर्बर्ट ने फेरी जोड़ी गदा
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी गंगा घाट और गलियों के अलावा बनारस के अखाड़े भी दुनियाभर में फेमस है। इन अखाड़ों में देशी पहलवानी के दांव पेंच सिखाकर पहलवानों को तैयार किया जाता है। नाग पंचमी पर इन अखाड़ों में कुश्ती दंगल की परंपरा है। जिसका शुक्रवार को निर्वहन हुआ। इस बार खास रहा कि इस दंगल में विदेशी भी शामिल हुए।
तुलसीघाट के निकट स्थित गोस्वामी तुलसीदास अखाड़ा लगभग 450 वर्ष पुराना है। इसी स्थापना स्वयं गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। इसे लोग स्वामीनाथ अखाड़ा के नाम से भी जानते हैं। वैसे तो इस अखाड़े में लड़कियां भी दंगल करती है। लेकिन इस बार नाग पंचमी पर सबसे अलग ही नजारा यहां देखने को मिल रहा है। नीदरलैंड के पहलवान हर्बर्ट और स्पेन के सैंटी भी इस बार अखाड़े में दंगल करते नजर आये। नाग पंचमी से पहले दोनों ही पहलवान काशी के इस अखाड़े में जोड़ी, गद्दा पर अपना जोर आजमाइश भी किया था।
गोस्वामी तुलसीदास अखाड़े के प्रमुख विश्वम्भर नाथ मिश्र ने बताया कि इस बार नाग पंचमी पर गोस्वामी तुसली दास द्वारा स्थापित इस अखाड़े में जाने माने विदेशी पहलवानों ने भी अपने दांव पेंच को दिखाए है। बताया कि इस अखाड़े के इतिहास गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ा है। उन्होंने ही इस अखाड़े की शुरुआत की थी।आज यह अखाड़ा वाराणसी के प्रमुख अखाड़ों में से एक है।
इजराइल के पहलवान ने बताया कि उन्हें भारतीय संस्कृति से जुड़े कुश्ती और दंगल का ये तरीका बेहद पंसद है।उन्हें जोड़ी-गद्दा फेरना सबसे ज्यादा पंसद है। बता दें कि 8 साल पहले पहली बार इस अखाड़े के दरवाजे को लड़कियों के लिए खोला गया था। जिसके बाद लड़कियों ने यहां प्रैक्टिस कर कुश्ती में कई नेशनल और स्टेट मेडल जीते हैं।