बेंगलुरू से पार्सल में आए थे 215 कारतूस, भेजने वाले को ढूंढ नहीं सका प्रशासन, 30 साल बाद हुआ निस्तारण
वाराणसी। बेंगलुरू से वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भेजे गए 215 कारतूसों का 30 साल बाद निस्तारण हुआ। पुलिस लाइन में सुरक्षाबलों ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत इनका निस्तारण किया। 30 साल पहले 1995 में ये कारतूस बेनाम पार्सल के रूप में रेलवे के पास पहुंचे थे। भेजने वाले का पता नहीं चल सका। ऐसे में डीएम की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी की संस्तुति के बाद कारतूसों का निस्तारण कराया गया।
कैंट रेलवे स्टेशन के स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता ने बताया कि 30 साल पहले 1995 में बेंगलुरु से 215 कारतूसों का पार्सल कैंट रेलवे स्टेशन पर आया था। सभी कारतूस 12 बोर के थे। यह प्रतिबंधित सामग्री है। ऐसे में यह मामला इतने दिनों तक लंबित था। शुक्रवार को पुलिस और प्रशासन की मदद से रेलवे ने इसका निस्तारण कराया। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने इसके निस्तारण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
कमेटी में एडीएम तृतीय, एसीपी चेतगंज और पुलिस लाइन के एक निरीक्षक को शामिल किया गया था। रेलवे की ओर से भी चीफ पार्सल सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई थी। कमेटी ने इसका हल ढूंढा। उसके बाद सुरक्षा बलों ने कारतूसों को अपने कब्जे में लेकर पुलिस लाइन में तय प्रक्रिया के तहत इनका निस्तारण किया।
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