गुवाहाटी से साइकिल चलाकर काशी पहुंचीं एनसीसी की 14 छात्राएं, बीएचयू एनसीसी आफिस में साझा किया अनुभव, दिल्ली में PM से करेंगी मुलाकात
राष्ट्र निर्माण और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से मेगा साइक्लोथॉन टीम की 14 लड़कियां आज साइकिल चलाकर काशी पहुंचीं। एनसीसी की 14 लड़कियां गुवाहाटी से साइकिल चलाकर दिल्ली जा रही हैं। दिल्ली पहुंचकर इन 14 बालिकाओं का दल अपने इस यात्रा का अनुभव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मिलकर साझा करेंगी।
साइकिल यात्रा में ये छात्राएं शामिल
हिमांशी सिंह, दिव्या घोषना, श्रुति, सितारा, कुशमा, अमीषा, आश्रिता, संध्या, मुस्कान, स्मिता, नंदिनी, अंकिता, शिवांगी और दिव्यांशी।
3 महीने की मिली ट्रेनिंग
इस यात्रा में शामिल लड़कियों की ट्रेनिंग 3 महीने पहले 29 सितंबर को शुरू कर दिया गया था। टीम लीडर कर्नेल अंजन सेनगुप्ता और डिप्टी टीम लीडर लेफ्टेंट कमांडर राहुल मिश्रा ने ट्रेंड किया। इस टीम ने पब्लिक स्पीकिंग, साइकिलिंग एबिलिटी और फिजिकल हेल्थ को तरजीह दी गई। एक ऐसी टीम तय की गई, जो न केवल साइकिल चलाने में ही बेहतर हो, बल्कि टीम वर्क और नेशनल ड्यूटी की भी भावना से लबरेज हो।
कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच 14 दिन में 1200 किलोमीटर का सफर किया पूरा
कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच साइकिल से गुवाहाटी से निकलीं 14 लड़कियों ने करीब 1200 किलोमीटर की ये यात्रा महज 16 दिन में ही पूरा कर लिया है। अब यहां से दिल्ली तक जाना है। कल शाम को उनका वरुणा स्थित एक निजी स्कूल में स्वागत हुआ। आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इस यात्रा में विभिन्न भाषाओं एवं रहन-सहन को सीखा और रास्ते में हम सभी ने टीम वर्क करना सीखा।
आइए अब जानते हैं टीम में शामिल बच्चियों का अनुभव
टीम में शामिल संध्या ने बताया कि इस यात्रा में हमें काफी अनुभव मिला। उन्होंने कहा कि रास्ते में बहुत सारी कठिनाइयां आई बहुत सी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा और उन कठिनाइयों के साथ हम लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला यह सबसे अच्छा पल है हम लोगों के लिए।
प्रैक्टिस से सफर हुआ आसान: स्मिता
स्मिता ने बताया कि उन्होंने कहा कि जब हम लोगों को बोला गया कि आप लोगों को 2107 किलो किलोमीटर साइकलिंग करनी है तो हम लोगों को लगा कि यह बहुत बड़ा लक्ष्य है लेकिन हम लोगों को प्रैक्टिस कराया गया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत 29 सितंबर को हुई थी जब कंपटीशन रखा गया था उन्होंने कहा कि पहले चरण में जब हम लोग 40 किलोमीटर गए तो बहुत थक गए लेकिन जब हम लोगों ने प्रयास किया तो आज उसका परिणाम है कि हम लोग एक बड़ी यात्रा पर निकले हैं।
उन्होंने कहा कि अब हम लोगों के मन में आता है कि 2107 किलोमीटर बहुत कम है हमें और भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली पहुंचकर हम लोग प्रधानमंत्री से मिलेंगे यह सोचकर हमारे मन में काफी उत्साह और जोश है। उन्होंने कहा कि अभी हमारी जर्नी चल रही है लेकिन हम लोग ठंड के धुंध से निकलते हुए का दृश्य अभी भी हमें याद है। कहा कि अगर लड़कियों को मौका मिले तो वह देश को चला भी सकती है और घर को चलाना वह कुछ भी कर सकती हैं।
असम से बिहार और फिर बनारस, हमें सभी जगहों पर लोगों का प्यार मिला: कर्नल
टीम लीडर कर्नल अंजन ने बताया कि असम से हम लोगों की यात्रा शुरू हुई थी। हम सभी बिहार से होते हुए वाराणसी पहुंचे हैं और अब प्रयागराज कानपुर के रास्ते दिल्ली तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इस पूरे रास्ते भर में हमें कुछ अच्छे तो कुछ खराब रास्तों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा की जगह-जगह लोगों का प्यार हमें मिला। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान या बच्चियों रुक कर स्थानीय लोगों से बातचीत भी करती थी और उन्हें महिला सशक्तिकरण के बारे में भी बताती थी।