वाराणसी में शान से फहराया 100 फीट ऊंचा तिरंगा, देश भक्ति गीतों पर झूमे राज्यमंत्री

78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। देश की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी में भी लोग देश भक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। वाराणसी में मंगलवार को 100 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया गया। इस दौरान प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल युवाओं के साथ देश भक्ति गीतों पर झूमते नजर आए। उन्होंने हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत लोगों से अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अपील की। 
 

वाराणसी। 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। देश की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी में भी लोग देश भक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। वाराणसी में मंगलवार को 100 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया गया। इस दौरान प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल युवाओं के साथ देश भक्ति गीतों पर झूमते नजर आए। उन्होंने हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत लोगों से अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अपील की। 

आशापुर चौराहे पर राष्ट्रीय ध्वज स्थल का लोकार्पण कर 100 फीट का तिरंगा फहराया गया। इस मौके पर सेना, पीएसी-पुलिस के जवानों द्वारा राष्ट्र भक्ति के गीतों की धुन बजाई गई। जुलूस में हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रीय ध्वज को ससम्मान लेकर चले। राज्यमंत्री ने बताया कि बुधवार को यातायात पुलिस लाइन तथा 15 अगस्त को कचहरी अंबेडकर पार्क व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पास 100 फीट का तिरंगा फहराया जाएगा। इसके अलावा मलदहिया चौराहा, लहुराबीर चौराहा, कैंटोनमेंट स्थित विवेकानंद प्रतिमा के पास, उदय प्रताप कॉलेज आदि स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा। उन्होंने अपने विधायक निधि फंड से लगभग 34 लाख रुपये स्वीकृत भी किए हैं। शहर के कुल 10 स्थानों पर 100 फीट के राष्ट्रीय ध्वज लोगों को राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के साथ राष्ट्रभक्ति का संदेश देते रहेंगे। 

मंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्वतंत्रता दिवस से पूर्व 14 अगस्त को मनाए जा रहे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कहा कि भारत के लिए विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं रहा। 14 अगस्त, 1947 वह तारीख है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। कहा कि एक तरफ देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति मिल रही थी तो दूसरी तरफ इसकी कीमत देश के विभाजन के रूप में चुकानी पड़ी। देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाए जाने का निर्णय 2021 में मोदी सरकार ने लिया था।