खेल मंत्री डॉ. मांडविया ने स्क्वैश वर्ल्ड कप जीतने पर भारतीय टीम को किया सम्मानित

 


नई दिल्ली, 17 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाली भारतीय स्क्वैश टीम को सम्मानित किया। जोशना चिनप्पा, अभय सिंह, वेलावन सेंथिलकुमार और अनाहत सिंह की मिश्रित टीम ने पिछले शनिवार चेन्नई में भारत को उसका पहला स्क्वैश वर्ल्ड कप खिताब दिलाकर इतिहास रच दिया।

यह जीत भारत का पहला स्क्वैश वर्ल्ड कप खिताब है। इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2023 संस्करण में कांस्य पदक रहा था। फाइनल मुकाबले में भारत ने शीर्ष वरीयता प्राप्त हांगकांग को 3-0 से हराया। इसके साथ ही भारत स्क्वैश वर्ल्ड कप जीतने वाला चौथा देश बन गया, इससे पहले यह उपलब्धि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और मिस्र को मिली थी।

खिलाड़ियों को बधाई देते हुए डॉ. मांडविया ने इसे “भारतीय खेल जगत के लिए गर्व का क्षण” बताया। उन्होंने कहा, “भारत खेल क्षेत्र में लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहा है। एक के बाद एक नई उपलब्धियां हासिल हो रही हैं। हमारी महिला क्रिकेट टीम ने भी हाल ही में वर्ल्ड कप जीता है।”

उन्होंने आगे कहा, “अपने ही देश की धरती पर स्क्वैश वर्ल्ड कप जीतना बेहद गर्व की बात है। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला नहीं गंवाया। मुझे विश्वास है कि खेल क्षेत्र का यह विकास आगे भी देश को नई सफलताएं दिलाता रहेगा।”

भारत के शीर्ष स्क्वैश खिलाड़ियों को टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम ( टॉप्स) का भी लाभ मिला है, जिसने उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय अनुभव और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के जरिए उनकी तैयारी को मजबूत किया है।

टीम की सबसे युवा खिलाड़ी अनाहत सिंह ने चेन्नई में मिले दर्शकों के समर्थन को अहम बताया। 17 वर्षीय अनाहत ने कहा, “मैंने पहली बार वर्ल्ड कप में अपने सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेला। यह मेरे लिए शानदार सीखने का अनुभव रहा। मैं चेन्नई के दर्शकों का लगातार समर्थन के लिए धन्यवाद करती हूं।”

अब भारतीय टीम की नजरें एशियन गेम्स 2026 और उसके बाद लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 पर हैं, जहां स्क्वैश पहली बार ओलंपिक खेल के रूप में शामिल होगा।

जापान में अगले साल होने वाले एशियन गेम्स से पहले पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जोशना चिनप्पा भी आशावादी हैं। 39 वर्षीय जोशना ने कहा, “हम कई महीनों से इसकी तैयारी कर रहे थे और वर्ल्ड कप का अनुभव बेहद शानदार रहा। इससे एशियाड के लिए हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। व्यक्तिगत रूप से मेरी कोशिश रहेगी कि मैं बेहतरीन फिटनेस बनाए रखूं और खेलों के लिए क्वालिफाई करूं।”

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे