फज़ल अत्राचली हमें अपने भाइयों की तरह मानते हैं: सोनू
पुणे, 15 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात जायंट्स और यू मुंबा के बीच मैच के आखिरी मिनट में प्रशंसक अपनी सीटों से चिपके रहे थे। दोनों टीमें 36-36 पर बराबरी पर थीं जब जायंट्स के कप्तान फज़ल अत्राचली ने सोनू को महत्वपूर्ण रेड के लिए जाने का निर्देश दिया। पूरे स्टेडियम में 'सोनू सोनू' के नारे के साथ रेडर, जो टखने की चोट के कारण आठवें सीज़न में और उसी चोट की पुनरावृत्ति के कारण सीज़न 9 में कुछ मैचों से चूक गए थे, आत्मविश्वास के साथ यू मुंबा की तरफ बढे, कुछ ही सेकंड में, उन्होंने रिंकू, गुमान सिंह और अमीरमोहम्मद जफरदानेश को पकड़कर सुपर रेड पूरी की और अपनी टीम को जीत दिला दी। इस सीज़न में गुजरात जायंट्स की यही कहानी रही है। जब भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए किसी की जरूरत पड़ी, तो सोनू उनके विश्वास-पात्र रहे।
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने करियर में चोटों से कैसे निपटा, तो 23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, आठवें सीज़न से पहले अभ्यास सत्र के दौरान मुझे चोट लग गई थी। मेरा टखना मुड़ गया और मेरी हड्डी टूट गई। मैं दो महीने ठीक से चल नहीं पा रहा था। फिर मुझे पूरी तरह से ठीक होने में एक साल लग गया। हालांकि, सीजन 9 में चार गेम के बाद मुझे टखने में दर्द का अनुभव हुआ। मैंने कुछ आराम किया और कुछ और गेम खेले।
इस साल पूरी तरह से फिट होने के साथ, सोनू महान फज़ल अत्राचली के साथ अपने समय का पूरी तरह से आनंद ले रहे हैं, जिन्हें लीग में कई युवाओं के गुरु के रूप में जाना जाता है। उनके बारे में बात करते हुए रेडर ने पीकेएल द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, फ़ज़ल के पास बहुत अनुभव है और उनके साथ खेलने में बहुत मज़ा आता है। वह हमारी गलतियों को सुधारते हैं और हमारे साथ भाइयों की तरह व्यवहार करते हैं। उन्होंने हमसे कहा है कि खुलकर खेलें और किसी और चीज़ की चिंता न करें। अगर कोई खेल हमारी योजना के मुताबिक नहीं होता है तो वह कहते हैं कि वह ही टीम के लिए आगे आएंगे।''
हरियाणा के पानीपत स्थित उनके गांव में कबड्डी हमेशा से लोगों के जीवन का अभिन्न अंग रही है। कबड्डी में अपने प्रारंभिक वर्षों को याद करते हुए, सोनू ने कहा, मेरा बड़ा भाई कबड्डी खेलता था और वह मुझे मैदान में ले जाता था। फिर मैं अपने घर के पास साई के एक शिविर में शामिल हो गया और मैंने वहां बहुत मेहनत की। इसके बाद, मैं बस जिला, राष्ट्रीय और राज्य स्तर से गुजरता रहा और बहुत आत्मविश्वास हासिल किया। हमारे गांव से बहुत सारे खिलाड़ी हैं, जो प्रो कबड्डी लीग में खेलने गए हैं। मेरा भाई भी लीग में शामिल होने की कोशिश कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील