अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर तसेन बोरा का निधन
डिब्रूगढ़ (असम), 14 सितंबर (हि.स.)। डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में प्रख्यात खेल संगठक, अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर तसेन बोरा का शनिवार तड़के 3.36 बजे निधन हो गया। उच्च रक्तचाप संबंधी बीमारियों के कारण उन्हें सात सितंबर को असम मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बीती रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते आज तड़के उनका निधन हो गया। तसेन बोरा के निधन पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को राज्य के खेल जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति बताया है।
तसेन बोरा के पार्थिव शरीर को डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल से डिब्रूगढ़ के जालान नगर आउटडोर स्टेडियम लाया गया। वहां डिब्रूगढ़ जिला खेल संघ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को नाहरकटिया खेल संघ के मैदान में लाया गया। नाहरकटिया खेल संघ मैदान में नाहरकटिया खेल संस्था समेत 36 दल एवं संगठनों ने खिलाड़ी को अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। दोपहर बाद नाहरकटिया के रंगला पाथर मैदान में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
तसेन बोरा प्री-ओलंपिक में भारतीय सीनियर फुटबॉल टीम में जगह बनाने वाले असम के पहले खिलाड़ी थे। बहुत ही आत्मविश्वासी, दृढ़ मानसिकता और कड़ी मेहनत से अपने प्रशंसकों के दिलों को छूने में सक्षम तसेन बोरा के निधन ने असम के खेल जगत को गहरा आघात पहुंचाया है। नाहरकटिया निर्वाचन क्षेत्र के रंगाली पथार के गौरव तसेन बोरा 1972 में नामरूप में बीवीएफसीएल में जनसंपर्क विभाग में शामिल हुए और एफसीआई टीम के लिए तिनसुकिया रेलवे के खिलाफ खेलकर परेश बरुवा की टीम को हराया था।
तसेन बोरा ने 1964-67 तक असम स्कूल टीम और 1965-68 तक असम जूनियर टीम के कप्तान, 1968 में डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी फुटबॉल टीम, 1969-73 में दो बार गुवाहाटी यूनिवर्सिटी फुटबॉल टीम के कप्तान और 1971 में पूर्व मंडल चैंपियन और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय फूटबाल प्रतियोगिता में रनरअप का खिताब हासिल किया था। उस प्रतियोगिता में उन्हें श्रेष्ठ हाफ पोजिशन के खिलाड़ी के रूप में चिह्नित किया गया।
1969 में नगांव (असम, कप्तान), 1970 में मद्रास (कप्तान), 1971 में पंजाब के जालंधर (कप्तान) और 1972 में गोवा में संतोष ट्राफी में असम का प्रतिनिधित्व करने वाले तसेन बोरा 1972 में प्री-ओलंपिक फुटबॉल में भाग लेने वाले पहले असमिया खिलाड़ी के रूप में चुना गया था। उन्होंने जर्मनी, रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यांमार आदि देशों में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी फुटबॉल मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय