केआईयूजी 2025: एलपीयू के सरताज तिवाना ने मानसिक थकान और पिता की बीमारी से उबरते हुए 50 मीटर राइफल 3पी में जीता गोल्ड

 


जयपुर, 5 दिसंबर (हि.स.)। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के निशानेबाज सरताज तिवाना ने पिछले एक साल से पिता की गंभीर बीमारी और मानसिक थकान का सामना करते हुए भी अपने जज़्बे और मेहनत से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2025 में 50 मीटर राइफल थ्री-पोज़ीशन का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने टीम इवेंट में भी एलपीयू को गोल्ड दिलाया।

मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के अंतिम वर्ष के छात्र सरताज जानते थे कि राजस्थान में हो रहे केआईयूजी 2025 उनके लिए सीनियर नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप से पहले आत्मविश्वास वापस पाने का महत्वपूर्ण अवसर है। 23 वर्षीय सरताज ने दबाव को पीछे छोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन कर अपना गोल्डन स्ट्रीक बरकरार रखा।

उन्होंने कहा, “आज का परिणाम वही है जिसकी मैंने कल्पना की थी। पिछले एक साल में कई बदलावों से गुजर रहा था। नेशनल चैंपियनशिप से पहले ऐसा माइलस्टोन मिलना बेहद उत्साहजनक है। यह मेरे लिए यूनिवर्सिटी गेम्स में चौथी बार था और मैं हर बार पोडियम पर रहा हूं- इस रिकॉर्ड को टूटने नहीं देना चाहता था।”

सरताज ने बोर्डिंग स्कूल में शूटिंग शुरू की थी और तब से वे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर, वर्ल्ड चैंपियनशिप में चौथा स्थान और वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में ब्रॉन्ज जीता।

पिछले साल जुलाई में उनके सपनों को बड़ा झटका लगा, जब उनके पिता कुलतेज तिवाना को न्यूमोनाइटिस और ‘लंग चिकनपॉक्स’ जैसी दुर्लभ समस्या के कारण वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। इस कारण सरताज को दिल्ली के डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज स्थित नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस छोड़कर मोहाली लौटना पड़ा।

पिता की गंभीर हालत ने उनके मानसिक संतुलन और अभ्यास पर गहरा असर डाला। वे नियमित रूप से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे और जब करते भी थे, तो मन पिता की चिंता में उलझा रहता था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी खेलो इंडिया स्कॉलरशिप की मदद से ट्रेनिंग जारी रखी, क्योंकि परिवार इलाज में भारी खर्च उठा रहा था।

अब पिता की सेहत में सुधार होने के बाद सरताज फिर से मानसिक और शारीरिक मजबूती पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि इसी महीने होने वाले सीनियर नेशनल्स से एशियन गेम्स 2026 के लिए टीम चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

केआईयूजी 2025 उनके लिए बड़ी परीक्षा थी— और वे उससे शानदार तरीके से सफल होकर निकले।

उन्होंने कहा, “मैं ऐसा इंसान हूं जो मेहनत करना कभी नहीं छोड़ता, चाहे नतीजा कैसा भी हो। हर किसी के जीवन में मुश्किल दौर आते हैं और मैं भी उसी दौर से गुजरा हूं। अब कुछ बेहतर है और उम्मीद है कि आगे और अच्छा प्रदर्शन करूंगा।

------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे