इंडियन ओपन पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी से बढी गोल्फ की लोकप्रियता: आईजीयू अध्यक्ष ब्रिजिंदर सिंह
नई दिल्ली, 5 मार्च (हि.स.)। ऑस्ट्रेलिया के पीटर थॉमसन ने भारत में गोल्फ खेलने से पहले ही स्टार खिलाड़ी का दर्जा हासिल कर लिया था। थॉमसन ने 1964 में पहली बार इंडियन ओपन ट्रॉफी जीतने से पहले 1954, 1955, 1956 और 1958 में दुनिया का सबसे पुराना मेजर- ब्रिटिश ओपन जीता था। ब्रिटिश ओपन जीतने पर उन्हें सिर्फ 1000 पाउंड की पुरस्कार राशि मिली थी। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने 1966 और 1976 में इंडियन ओपन जीता और भारतीय गोल्फ में एक मील का पत्थर स्थापित किया।
उस समय भले ही इंडियन ओपन की पुरस्कार राशि बहुत कम थी, लेकिन भारत के राष्ट्रीय ओपन में थॉमसन की रुचि ने दुनिया भर में बड़े पैमाने पर इसकी चर्चा शुरू की थी। तब से भारतीय गोल्फ में बहुत कुछ बदल गया है।
युवा मामले एवं खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ का मान्यता प्राप्त भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) द्वारा आयोजित, आज यह टूर्नामेंट नकद पुरस्कार के मामले में भारत का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित ईवेंट है।
हीरो मोटोकॉर्प द्वारा प्रायोजित अपने 57वें संस्करण में इंडियन ओपन में इस बार 2.25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड पुरस्कार होगा, जिसमें विजेता को 382,500 डॉलर और उपविजेता को 247,500 डॉलर की राशि मिलेगी। इंडियन ओपन नए रूप वाली 2024 रेस टू दुबई के हिस्से के रूप में एशियाई स्विंग सहित पांच आयोजनों में से दूसरा होगा।
डीपी वर्ल्ड टूर और पीजीटीआई द्वारा स्वीकृत, हीरो इंडियन ओपन 28 से 31 मार्च तक गुरुग्राम के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में 2.25 मिलियन डॉलर के बढ़े हुए पुरस्कार राशि के साथ आयोजित की जाएगी।
आईजीयू के अध्यक्ष ब्रिजिंदर सिंह ने कहा कि उच्च पुरस्कार राशि शीर्ष क्रम के गोल्फरों को इस ईवेंट में खेलने के लिए आकर्षित करती है। एलआईवी गोल्फ नियमित और कई एशियाई टूर चैंपियन अनिर्बान लाहिड़ी, 2015 इंडियन ओपन विजेता, तीन बार के डीपी वर्ल्ड टूर विजेता बेल्जियम के निकोलस कोलसार्ट्स के साथ इस आयोजन के लिए एक शानदार मैदान होंगे।
ब्रिजिंदर सिंह ने आईजीयू द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, “सिर्फ पुरस्कार राशि ही नहीं बल्कि खेल का हर पहलू विकसित हुआ है। हां, बढ़ी हुई पुरस्कार राशि से उत्साहित होने के अलावा, हम समर्थन करने के लिए अपने शीर्ष प्रायोजक हीरो के बहुत आभारी हैं। पुरस्कार राशि बढ़ने से गोल्फ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है। बेहतर खिलाड़ी यहां आ रहे हैं और जिस तरह का खेल उन्होंने यहां दिखाया है उससे देश में गोल्फ की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिली है।''
1965 में एक एमेच्योर भारतीय खिलाड़ी पीजी सेठी ने पहली बार इंडिया ओपन जीता था। तब से, अली शेर (1991, 1993), फिरोज अली (1998), अर्जुन अटवाल (1999), ज्योति रंधावा (2000, 2006, 2007), विजय कुमार (2002), सी मुनियप्पा (2009), अनिर्बान लाहिड़ी (2015) और एसएसपी चौरसिया (2016, 2017) सहित आठ भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता को जीता है।
1991 में पुरस्कार राशि 150,000 डॉलर थी लेकिन 2005 में दोगुनी हो गई जब हीरो मोटोकॉर्प ने शीर्ष प्रायोजक बनने का फैसला लिया।
आईजीयू अध्यक्ष ने कहा, “वर्ष 1991 में, केवल कुछ शीर्ष रैंक वाले खिलाड़ी ही यहां आए थे, लेकिन अब इस आयोजन से जुड़ी प्रतिष्ठा और गौरव के कारण अधिक खिलाड़ी आ रहे हैं। यह एक सामूहिक प्रयास है जिसमें कई लोगों की कड़ी मेहनत शामिल है... देश में गोल्फ को बढ़ावा देने के लिए आईजीयू हमेशा सबसे आगे रहता है। अन्य प्रायोजकों को भी भूमिका निभानी है और सबसे बड़े खिलाड़ियों को भी भूमिका निभानी है।”
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील