भारतीय सेना ने खेलों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाया, वॉलीबॉल टूर्नामेंट का किया आयोजन
पुंछ, 14 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय सेना ने पुंछ के सुदूर क्षेत्र सोंगरी में अंतर-ग्राम वॉलीबॉल टूर्नामेंट का सफलतापूर्वक आयोजन किया है। इस आयोजन का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को खेल गतिविधियों में शामिल करना, सामुदायिक भावना को बढ़ाना और प्रतिभागियों के बीच टीम वर्क की भावना को बढ़ावा देना था।
इस टूर्नामेंट में विभिन्न गांवों का प्रतिनिधित्व करने वाली आठ टीमों ने भाग लिया जिसने क्षेत्र में खेलों के प्रति उत्साह को उजागर किया। यह पहल व्यापक खेलो इंडिया अभियान के साथ संरेखित है जो पूरे भारत में जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। भारतीय सेना का आउटरीच कार्यक्रम शारीरिक फिटनेस, टीम वर्क और सामुदायिक बंधन के महत्व पर जोर देता है खासकर उन क्षेत्रों में जहां संगठित खेलों तक पहुंच सीमित है।
पूरे टूर्नामेंट के दौरान मैच तीव्र और प्रतिस्पर्धी थे जिससे स्थानीय स्तर पर काफी समर्थन मिला। दर्शकों ने अपनी टीमों के लिए जोश से जयकारे लगाए जिससे एक ऐसा उत्साहजनक माहौल बना जिसने समुदाय की एकता को प्रदर्शित किया। व्यक्तिगत और टीम के प्रयासों को मान्यता देने के लिए सभी भाग लेने वाली टीमों को ट्रॉफी और पदक प्रदान किए गए।
युवाओं में व्यक्तिगत उपलब्धि और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और सर्वश्रेष्ठ सेटर सहित विशेष पुरस्कार भी प्रदान किए गए। यह सम्मान न केवल उनकी कड़ी मेहनत का जश्न मनाता है बल्कि उन्हें व्यक्तिगत विकास और सामुदायिक जुड़ाव के साधन के रूप में खेल को जारी रखने के लिए प्रेरित भी करता है। टूर्नामेंट का समापन एक समापन समारोह के साथ हुआ जिसमें सभी प्रतिभागियों के समर्पण और उत्साह को स्वीकार किया गया।
भारतीय सेना ने युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क और दृढ़ता के मूल्यों को स्थापित करने, भविष्य के नेताओं को आकार देने में इस तरह के आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। प्रतिभागियों ने खेलों के लिए नए सिरे से उत्साह व्यक्त किया। इस टूर्नामेंट को भविष्य में और अधिक अवसरों की ओर एक कदम के रूप में देखा। इस तरह की पहल के माध्यम से भारतीय सेना दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह सुनिश्चित करती है कि पीर पंजाल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और सौहार्द की भावना पनपे।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह