केआईयूजी: हाउसकीपिंग हेल्पर की बेटी को अपनी किस्मत बदलने की उम्मीद
- धारवाड़ की ज्योति इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम में 800 मीटर रेस में बैंगलोर विवि का प्रतिनिधित्व करेंगी
गुवाहाटी, 24 फरवरी (हि.स.)। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी)-अष्टलक्ष्मी 2023 में पोडियम फिनिश न केवल ज्योति कट्टीमनी के एक दिन देश का प्रतिनिधित्व करने के सपने को पूरा करेगा बल्कि इससे उन्हें अपने माता-पिता को एक खिलाड़ी के रूप में अपना सफ़र जारी रखने के लिए मनाने में भी मदद मिलेगी।
एक साधारण परिवार में जन्मी, फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई करने वाली 24 वर्षीय छात्रा ने कभी भी अपने सपनों के रास्ते में वित्तीय असफलताओं को नहीं आने दिया। उसके पिता एक स्क्रैप डीलर के रूप में काम करते हैं जबकि उसकी मां धारवाड़ के उसी स्पोर्ट्स हॉस्टल में हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में काम करती हैं, जहां ज्योति प्रशिक्षण लेती है।
अब वह हालांकि खुद को एक चौराहे पर पाती है क्योंकि परिवार की गिरती वित्तीय स्थिति के कारण उसके माता-पिता उस पर खेल छोड़ने और नौकरी करने पर जोर दे रहे हैं। ज्योति के परिवार में आठ सदस्यों (चार बहनों सहित) की संख्या बढ़कर 13 हो गई क्योंकि उसकी दो बड़ी बहनें शादी के कुछ वर्षों के बाद ही अपने बच्चों के साथ मायके लौट आईं।
ज्योति ने कहा, “परिवार का भरण-पोषण करना कठिन होता जा रहा था, इसलिए मेरे माता-पिता मुझे खेल जारी रखने की अनुमति नहीं देते थे। इसके बजाय उन्होंने मुझे कोई नौकरी ज्वाइन करने और परिवार को सपोर्ट करने के लिए कहा है। मेरी मां के घुटने में समस्या है। वह परिवार का सपोर्ट करने के लिए हॉस्टल में हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में काम करना फिर से शुरू कर दिया है।
ज्योति ने कहा कि उनकी बड़ी बहनें अब परिवार को सपोर्ट करने के लिए घरों में काम करती हैं।
ज्योति अपनी किस्मत बदलने की उम्मीद के साथ इस सप्ताह गुवाहाटी पहुंची। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा एक अच्छा एथलीट बनने का सपना देखा था और खेल को आगे बढ़ाना चाहती थी। मैं ओपन रेस में भाग लूंगी और पुरस्कार राशि का उपयोग परिवार के सपोर्ट के लिए करूंगी। मैंने कुछ पैसे कमाने के लिए छोटी-मोटी नौकरियाँ भी कीं। मुझे लगता है कि अगर मैं खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे बड़े आयोजन में अच्छा प्रदर्शन करूंगी तो मैं अपने माता-पिता को मना सकती हूं और शायद उन्हें यह भी समझा सकती हूं कि मुझे एक दिन खेल कोटा में नौकरी मिल सकती है।'
ज्योति के पूरे संघर्ष के दौरान, उनका सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम उनकी कोच शामला पाटिल रही हैं। ज्योति ने कहा, “मेरी कोच बहुत सहायक रही हैं। हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में मेरी फीस का खर्च उठाया है, जहां मैं अपनी स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं। मैंने अपने करियर में अब तक चार प्रमुख टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है, जिसमें पिछले साल का ओपन नेशनल भी शामिल है, जहां मैंने 800 मीटर में 2:12 मिनट का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था”
ऑल-इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में आठवें स्थान पर रहने के बाद केआईयूजी 2023 के लिए कट बनाने वाली ज्योति को इस आयोजन में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। ज्योति ने कहा, “मैं केआईयूजी में अपना 100 प्रतिशत देने के लिए उत्सुक हूं। मैं 800 मीटर स्पर्धा में भाग लूंगी। इस मंच ने पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए कई सितारे पैदा किए हैं और यह देश में सबसे प्रतिष्ठित खेल आयोजनों में से एक बना हुआ है।''
हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/प्रभात