चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लगातार दूसरी बार जीता खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का खिताब

 


• चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 42 स्वर्ण पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान बरकरार रखा, एलपीयू 32 स्वर्ण के साथ उपविजेता

• एथलेटिक्स में बना 12 नया मीट रिकॉर्ड

• ओलंपियन श्रीहरि नटराज 9 स्वर्ण और 2 रजत के साथ गेम्स के सबसे सफल खिलाड़ी

जयपुर, 5 दिसंबर (हि.स.)। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) राजस्थान 2025 के अंतिम दिन शुक्रवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने कैनोइंग और कयाकिंग में शानदार प्रदर्शन के दम पर लगातार दूसरा समग्र खिताब जीत लिया। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने कुल 67 पदक जीते, जिनमें 42 स्वर्ण, 14 रजत और 11 कांस्य शामिल हैं।

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने 32 स्वर्ण, 25 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 78 पदक हासिल किए और दूसरे स्थान पर रही।

गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी 32 स्वर्ण, 22 रजत और 18 कांस्य के साथ तीसरे स्थान पर रही।

रंगारंग समापन समारोह में केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा और राज्य के युवा एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने उपस्थिति दर्ज कराई।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने कैनोइंग और कयाकिंग में 30 में से 23 स्वर्ण जीते। इसके अलावा छह स्वर्ण तैराकी में, पांच एथलेटिक्स में, दो कुश्ती में और भारोत्तोलन, शूटिंग, साइक्लिंग, तीरंदाजी, टेबल टेनिस और कबड्डी में एक-एक स्वर्ण अपने नाम किया।

एथलेटिक्स में 12 नए मीट रिकॉर्ड

12-दिनों की इस मेगा प्रतियोगिता में एथलेटिक्स में कुल 12 नए मीट रिकॉर्ड बने, जिनमें दो अखिल भारतीय यूनिवर्सिटी रिकॉर्ड भी शामिल हैं।

श्रीहरि नटराज – गेम्स के स्टार

ओलंपियन और भारत के शीर्ष तैराक श्रीहरि नटराज ने 9 स्वर्ण और 2 रजत जीतकर अपने आप को केआईयूजी 2025 का सबसे सफल खिलाड़ी साबित किया। उनकी बदौलत जैन यूनिवर्सिटी ने 27 स्वर्ण, 9 रजत और 9 कांस्य पदक हासिल कर कुल मिलाकर चौथा स्थान प्राप्त किया।

केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्ष खडसे ने खेलों को बताया ‘सॉफ्ट पावर’

समापन समारोह में अपने संबोधन में रक्षा खडसे ने कहा कि केआईयूजी न सिर्फ प्रतिस्पर्धा का मंच है, बल्कि विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को एक-दूसरे के सांस्कृतिक विविधताओं को समझने का अवसर भी देता है।

उन्होंने कहा, “जीत-हार से परे, हर राज्य के खिलाड़ियों ने यहां भाग लिया, यही इन खेलों की सबसे बड़ी उपलब्धि है। खेल ही वह माध्यम है जो हमें एक-दूसरे की संस्कृति, भाषा और ऊर्जा को समझने में मदद करता है।”

उन्होंने आगे कहा कि खेल आज विश्व मंच पर भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ हैं।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि भारत का भविष्य हमारे युवा हैं। खेल युवा पीढ़ी को एकजुट कर राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। जो खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाए, उनका भी यहां पहुंचना अपने आप में एक नई शुरुआत है।”

अंतिम दिन का संघर्ष: एलपीयू बनाम जीएनडीयू

अंतिम दिन 28 स्वर्ण पदक दांव पर थे, जिनमें से 24 मुक्केबाज़ी में थे। एलपीयू ने मुक्केबाज़ी में दो स्वर्ण और कबड्डी में एक स्वर्ण जीतकर उपविजेता स्थान अपने नाम किया।

गुरु काशी यूनिवर्सिटी ने मुक्केबाज़ी में चार स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य जीतकर कुल तालिका में पांचवें स्थान पर छलांग लगाई।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 – एक नजर में

• प्रतियोगिता राजस्थान के सात शहरों में आयोजित।

• 222 यूनिवर्सिटी के 4448 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

• कुल 23 स्पर्धाओं में पदकों का मुकाबला

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे