केआईयूजी में खेलकर अपना भविष्य बना सकते हैं एथलीट: हैप्पी घनघस

 


गुवाहाटी, 18 फरवरी 2024 (हि.स.)। जैसे ही खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 अष्टलक्षी का चौथा संस्करण शनिवार को शुरू हुआ, सभी विश्वविद्यालयों के एथलीट अपने स्किल का प्रदर्शन करने और राष्ट्रीय गौरव के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूर्वोत्तर में उतर गए। गुवाहाटी में कबड्डी मैचों की शुरुआत करते हुए, भिवानी में स्थित चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के राइट रेडर हैप्पी घनघस ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के महत्व, कबड्डी के प्रति अपने जुनून, अपनी प्रेरणाओं और भविष्य की आकांक्षाओं पर अपने विचार साझा किए।

हैप्पी घनघस ने खेलो इंडिया पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाते हुए कहा, “खेलो इंडिया पहल ने एथलीटों के लिए बहुत सारे अवसर पैदा किए हैं। दरअसल, मैंने अपनी प्रतिस्पर्धी यात्रा दिल्ली में आयोजित खेलो इंडिया स्कूल गेम्स से शुरू की थी।''

हैप्पी ने प्रतिभा पहचान करने में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के जबरदस्त महत्व पर भी प्रकाश डाला। हैप्पी ने कहा, “यह एक शानदार राष्ट्रीय मंच है और इससे बहुत सारे लोगों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। यहां प्रतिभा को आसानी से पहचाना जा सकता है। एक एथलीट के तौर पर आप यहां अपना भविष्य बना सकते हैं।”

घनघस अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहता है। उनके पिता सीमा सुरक्षा बल के लिए कबड्डी खेल चुके हैं। वह अब आईटीबीपी के लिए एक कोच के रूप में कार्य करते हैं। घनघस ने साझा किया कि कैसे पारिवारिक प्रभाव ने एक खिलाड़ी के रूप उनको आकार दिया। उन्होंने कह,”मेरे पिता ने मुझे कबड्डी खेलने के लिए प्रेरित किया।खेल में उनकी पृष्ठभूमि का ही नतीजा है कि यह खेल मेरे लिए एक स्वाभाविक चुनाव बन गया।

इस खेल के प्रति घनघस का जुनून सातवीं कक्षा में सामने आया और 2014 में प्रो कबड्डी लीग के उद्भव की शुरुआत से उनके इस जुनून को बढ़ावा मिला। उन्होंने इसके प्रेरक प्रभाव के बारे में कहा, लीग को देखकर हमें प्रेरणा मिली और हमें लक्ष्य बनाने के लिए कुछ ठोस आधार मिला।

भारतीय कबड्डी के दिग्गज अजय ठाकुर को अपनी प्रेरणा बताते हुए घनघस ने अपने अंतिम सपने के बारे में खुलासा किया। उन्होंने कहा, “प्रो कबड्डी लीग में खेलना और अजय ठाकुर की तरह भारत के लिए विश्व कप जीतना मेरा सपना है। मैं न सिर्फ मैट पर उनके जैसा बनना चाहता हूं, बल्कि मैं मैदान के बाहर उनके स्वभाव को फॉलो करना चाहता हूं।”

खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी मुकाबलों के बीच घनघस ने देश भर के एथलीटों के बीच सौहार्द पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मेरे जैसे सैंकड़ों युवकों के लिए यह अब तक एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है। भारत भर के एथलीटों से मिलना बहुत अच्छा रहा है, और टूर्नामेंट का संगठन, आतिथ्य और सुविधाओं की गुणवत्ता सराहनीय रही है। असम की गर्मजोशी और आतिथ्य ने यात्रा को और भी यादगार बना दिया है।”

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद