हरियाणा में लागू होगा सुप्रीम काेर्ट का फैसला, एससी-एसटी वर्ग के अति पिछड़ों को भी मिलेगा आरक्षण

 


चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था बदलेगी। एससी-एसटी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए प्रदेश सरकार एससी-एसटी वर्ग में उपवर्गीकरण करेगी। यानी आरक्षण के भीतर भी कोटा लागू किया जाएगा, ताकि आरक्षण का लाभ उसी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मिल सके।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की सहमति बन गई। एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान के लिए नीति भी बनाई जाएगी। उपवर्गीकरण वाली जातियों को सौ प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि वर्गीकरण तर्कसंगत सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए।

प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। कैबिनेट के फैसले को लागू करने के लिए पहले नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसके बाद विधानसभा की मुहर लगेगी। इसके बाद एससी-एसटी वर्ग में आरक्षण के भीतर आरक्षण लागू हो जाएगा। प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग में 36, पिछड़ा वर्ग-ए में 71 और पिछड़ा वर्ग बी में आठ जातियां शामिल हैं।

अनुसूचित वर्ग में शामिल जातियां

अहेरिया, अहेरी, हेरी, डेरी, थोरी, तुरी, अद धर्मी, वाल्मीकि, बंगाली, बरार-बुरार-बेरार, बटवाल-बरवाला, बोरिया-बावरिया, बाजीगर, भांजरा, चनल, दागी, दरेन, देहा-धाया-धेइया, धानक, धोगरी-धांगरी-सिग्गी, डुमना- महाशा-डूम, गगरा, गंधीला-गंदील-गंदोला, कबीरपंथी-जुलाहा, खटीक, कोरी, कोली, मरीजा-मरेच, मजहबी-मजहबी सिख, मेघ-मेघवाल, नट-बदी, ओड, पासी, पेरना, फरेरा, संहाई, संहाल, सांसी-भेदकुट-मनेश, संसोई, सपेला-सपेरा, सरेरा, सिकलीगर-बरीया व सिरकीबंद

पिछड़ा वर्ग-ए

गडरिया, पाल, बघेल, गढ़ी लोहार, हज्जाम, नई, नाइस, सेन, जांगड़ा-ब्राह्मण, खाती, सुथार, धीमान-ब्राह्मण, तरखान, बारा, हेंसी, हेसी, बगरिया, बरवाड़, बढ़ई, तंबोली, बरागी, बैरागी, स्वामी साध, बत्तेरा, भरभुंजा, भरभुजा, भट, भातरा, दरपी, रमिया, भुहलिया, लोहार, चंगार, चिरिमार, चांग, चिंबा, छिपी, चिंपा, दरजी, रोहिल्ला, दईया, धोबी, गोवाला, बरहाई, बद्दी, जोगीनाथ, जोगी, नाथ, योगी, कंजर या कंचन, कुर्मी, कुम्हार, प्रजापति, कंबोज, खंघेरा, कुछबंद, लबाना, लखेड़ा, मनिहार, कचेरा, लोहार, पांचाल-ब्राह्मण, मदारी, मोची, मिरासी, नर, नूंगार, नलबंद, पिंजा, पेनजा, रेहर, रेहरा या रे, रायगड़, राय सिख, रीचबंद, शोरगीर, शेरगिरो, सोई, सिंघिकांत, सिंगीवाला, सुनार, जरगर, सोनिक, ठठेरा, तमेरा, तेली, बंजारा, जुलाहा, रहबरी, चरण, चारज (महाब्राह्मण), रंगरेज, लिलगर, नीलगर, लल्लारिक, भर, राजभरी, नेट (मुस्लिम), जंगम, डकौत, धिमार, मल्लाह, कश्यप- राजपूत, कहार, झिवार, धिनवार, खेवत, मेहरा, निषाद, सक्का, भिस्ती, शेख-अब्बासी, धोसाली, दोसाली, फकीर, ग्वारिया, गौरिया या ग्वार, घिरथ, घासी, घसियारा या घोसी, गोरखास, बंजारा, ग्वाला।

पिछड़ा वर्ग बी

अहीर-यादव, गुर्जर, लोध-लोधा-लोधी, सैनी-शाक्य-कुश्वाहा-मौर्या-कोइरी, मेव, गोसाई- गोस्वामी-गोसैन, बिश्नोई।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा