संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

 


नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इसी के साथ शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। इस दौरान राज्यसभा और लोकसभा की उत्पादकता क्रमशः 121 और 111 प्रतिशत रही।

राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि इस सत्र में महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हुआ। उच्च सदन के सभापति के तौर पर यह सत्र राधाकृष्णन का पहला सत्र था और सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग के लिए उन्होंने उपसभापति हरिवंश, सदन के सदस्यों और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस सत्र में सदन की कार्य उत्पादकता लगभग 121 प्रतिशत रही।

उन्होंने कहा कि 269वां सत्र कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए विशिष्ट रहा। इस सत्र में शून्यकाल सूचनाओं की संख्या अभूतपूर्व रही, जिसमें प्रतिदिन औसतन 84 से अधिक सूचनाएं प्राप्त हुईं, जो पिछले दो सत्रों की तुलना में लगभग 31 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, शून्यकाल में वास्तव में उठाए गए विषयों की संख्या भी पिछले मानकों से कहीं अधिक रही, जिसमें प्रतिदिन औसतन 15 से अधिक विषय उठाए गए, जो पिछले दो सत्रों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है।

राधाकृष्णन ने कहा कि सदन ने हमारे राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक विशेष स्मरणीय चर्चा की। यह चर्चा दो दिनों तक चली, जिसमें 82 सदस्यों ने भाग लिया। सदन ने निर्वाचन सुधारों पर भी चर्चा की, जिसमें तीन दिनों की अवधि में 57 सदस्यों ने हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने के लिए अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।

उन्होंने कहा कि सदन ने 8 विधेयकों को पारित/वापस किया तथा जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 के संबंध में एक सांविधिक संकल्प को अंगीकृत किया, कुल 212 सदस्यों ने भाग लिया। कुल मिलाकर, सदन ने लगभग 92 घंटे कार्य किया। इस सत्र की उत्पादकता 121 प्रतिशत रही। इस दौरान 58 तारांकित प्रश्न, 208 शून्यकाल प्रस्तुतियां और 87 विशेष उल्लेख किए गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक्स पोस्ट में लिखा कि 18वीं लोकसभा के छठे सत्र का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह सत्र एक दिसंबर 2025 को आरंभ हुआ जिसमें कुल 15 बैठकें आयोजित हुईं। सभी सदस्यों के सहयोग से सदन की उत्पादकता 111 प्रतिशत के करीब रही। सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों, लोकसभा सचिवालय तथा मीडिया के प्रति हार्दिक आभार।

उल्लेखनीय है कि अनिश्चितकाल के लिए स्थगन का अर्थ है कि अब इस सत्र की कोई अगली बैठक नहीं होगी। अगला सत्र केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति की अनुमति से आहूत किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी