पारिवारिक मामलों को पंचों के बीच निपटाएंः पंकज मित्तल
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने गुरुवार को कहा कि बहुत सारे पारिवारिक विवादों और समस्याओं को आपसी बातचीत और पंचायतों के माध्यम से निपटाया जा सकता है। प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था में पंचों की पंचायतों के निर्णयों को सभी पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाता था। बड़े-बुजर्गों के मार्गदर्शन में पंचायतों का गठन इसीलिए किया जाता था क्योंकि बहुत सारे पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद और आपसी मुद्दों को पंचायतों के माध्यम से हल किया जाता था।
न्यायमूर्ति पंकज मित्तल गुरुवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में महाराजा अग्रसेन जयंती के अवसर पर आयोजित अग्रवाल महामिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अदालतों के ऊपर से मुकदमों का बोझ कम करने के लिए भारतीय परिवेश के अनुसार नए मध्यस्थता कानून बनाए जाने चाहिए। देश में मौजूदा न्याय व्यवस्था अंग्रेजी शासन व्यवस्था की देन है। आजादी के बाद जिस तरह से अन्य क्षेत्रों में औपनिवेशिक व्यवस्था को बदला गया उसी की तरह कानून और न्याय के क्षेत्र में भी बदलाव जरूरी है। उन्होंने भारतीय भाषाओं में ही होने वाले अदालती कामकाज की प्रशंसा की और उसे आम आदमी के हक की व्यवस्था बताया। उन्होंने कहा कि देशभर की अदालतों में 5 करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं। अगर इनका निपटारा करने के लिए एडीआर व्यवस्था और काउंसिलिंग जैसे वैकल्पिक तरीकों को अपनाया गया तो आम आदमी को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
दिल्ली अग्रोहा विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित अग्रवाल महामिलन समारोह में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, दिल्ली से लोकसभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन सहित समाज के अनेक गण्यमान्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। दिल्ली अग्रोहा विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष नन्द किशोर अग्रवाल ने बताया कि इस सम्मेलन में अग्रवाल समाज की तरफ से मुख्यतः पांच बड़े प्रस्ताव पास किए गए। इनका अग्रवाल समाज राष्ट्रीय स्तर पर पालन करेगा। इन प्रस्तावों में मुख्य रूप से आने वाली युवा पीढ़ी को सनातन संस्कार देकर पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से बचाने जैसे सामाजिक फैसले भी शामिल हैं।
कार्यक्रम में वैवाहिक समारोह में होने वाले प्री वेडिंग शूट, अंधाधुंध खर्चे और आडंबरों पर रोक लगाने पर भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों ने महाराजा अग्रसेन के जन्मदिन पर राजपत्रित अवकाश घोषित करने और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करने की मांग का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार के समक्ष रखा। ट्रस्ट के पदाधिकारी और प्रवक्ता अतुल सिंघल ने बताया कि अब इन प्रस्तावों को लागू करवाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे। अग्रवाल महामिलन समारोह का समापन एक विराट कवि सम्मेलन के आयोजन के साथ किया गया जिसमें देशभर के जाने-माने कवियों ने हिस्सा लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी