दिव्यांग बच्चों के लिए आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल की शुरुआत
- बच्चों में दिव्यांगता की समय पर जांच और लक्षित हस्तक्षेप से देश में लगभग एक तिहाई विकलांगता को रोका जा सकता हैः स्मृति ईरानीनई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मंगलवार को दिव्यांग बच्चों के लिए आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल की शुरुआत की। विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल के शुभारम्भ के साथ समग्र पोषण देखभाल की दिशा में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों में दिव्यांगता की समय पर जांच और लक्षित हस्तक्षेप से भारत में लगभग एक तिहाई विकलांगता को रोका जा सकता है।
स्मृति ईरानी ने कहा कि देश भर में 13.9 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन 8 करोड़ से अधिक बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। अब यह अग्रणी प्रोटोकॉल एक ऐतिहासिक पहल है, जो हमारे समर्पित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों में विकासात्मक देरी की शीघ्र पहचान, पोषण संबंधी देखभाल को और बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमृत काल में स्वस्थ सुपोषित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप यह प्रोटोकॉल चरण-दर-चरण दृष्टिकोण के साथ एक सामाजिक मॉडल का प्रतीक है। इसमें तीन चरण हैं, जिसमें प्रारंभिक विकलांगता लक्षणों की जांच, सामुदायिक कार्यक्रमों में शामिल करना और परिवारों को सशक्त बनाना और तीसरा चरण आशा एवं एएनएम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीमों के माध्यम से रेफरल समर्थन प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की बेहतर देखभाल के साथ, हम सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे सभी के लिए एक समावेशी और स्वस्थ भारत का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी व्यवस्था में नवंबर तक 16 करोड़ से ज्यादा होम विजिट किए हैं। यह काम अपने आप में चुनौती से कम नहीं है।
इस मौके पर आयुष राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदीवर पांडे, स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत, सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी सचिव राजेश अग्रवाल भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल