जनजातीय छात्रों के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संयुक्त पहल से 20 हजार से अधिक आदिवासी छात्रों को लाभ होगा : सर्बानंद सोनवाल

 


नई दिल्ली, 21 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में बुधवार काे यहां संयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य और अनुसंधान एवं विकास पहल की घोषणा की गई। इस दौरान ई-बुक का अनावरण किया गया और अपनी संयुक्त स्वास्थ्य पहल की विवरणिका जारी की गई।

इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि कुपोषण और सिकल सेल रोगों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक हस्तक्षेप के माध्यम से इस परियोजना से 20,000 से अधिक आदिवासी छात्रों को लाभ होगा।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि 2022 में आयुष मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते को आगे बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। परियोजना का लक्ष्य 6वीं से 12वीं कक्षा में नामांकित छात्रों की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति की जांच करना है।

इस मौके पर अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस परियोजना को शुरू करने से हमारे एकलव्य छात्रों के बीच बीमारियों की व्यापकता और स्वास्थ्य प्रबंधन की पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की जांच करने के लिए देश के 14 राज्यों में फैले चयनित 55 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में स्क्रीनिंग की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि ईएमआरएस दूरदराज के क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं ताकि वे उच्च और व्यावसायिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों में अवसरों का लाभ उठा सकें और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकें। वर्तमान में खेल और कौशल विकास में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विशेष अत्याधुनिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले देश भर में 401 कार्यात्मक स्कूल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल