(वार्षिकी-2025) भारतीय रेल: निवेश, नवाचार और राष्ट्र निर्माण का वर्ष

 


नई दिल्ली, 26 दिसंबर (हि.स.)। वित्त वर्ष 2025-26 भारतीय रेलवे के लिए रिकॉर्ड निवेश, ज़मीनी बदलाव और यात्री एवं माल परिवहन के समग्र सुदृढ़ीकरण का वर्ष रहा। अभूतपूर्व पूंजीगत व्यय, तेज़ी से आगे बढ़ती स्टेशन पुनर्विकास योजनाएं, स्वदेशी रेल सेवाओं का विस्तार, हरित ऊर्जा को अपनाने की गति और जम्मू-कश्मीर व पूर्वोत्तर में ऐतिहासिक कनेक्टिविटी उपलब्धियां- इन सबने मिलकर एक ऐसे रेलवे तंत्र की तस्वीर पेश की जो पैमाने, गति और रणनीतिक स्पष्टता के साथ आगे बढ़ रहा है। वहीं हादसों और सुरक्षा चुनौतियों ने यह भी याद दिलाया कि रेल संचालन में जोखिमों को पूरी तरह समाप्त करना एक सतत प्रक्रिया है।

वर्ष के दौरान नीति से निर्णयों का ज़मीन पर साक्षात परिणाम देखने को मिला। प्रधानमंत्री द्वारा 42 परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण, 13 परियोजनाओं का उद्घाटन और 21 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई—कुल मिलाकर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं ज़मीन पर उतरीं। यह उपलब्धि भारतीय रेल के परिवर्तनकारी एजेंडे की ठोस अभिव्यक्ति है।

रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय और निवेश की गति

रेल बजट में 2,65,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटन किया गया। इसमें रेलवे के लिए 2,52,200 करोड़ रुपये, आरओबी/आरयूबी निर्माण के लिए 7,000 करोड़ रुपये, नई रेल लाइन बिछाने के लिए 32,235.24 करोड़ रुपये, लाइन दोहरीकरण के लिए 32,000 करोड़ रुपये, गेज परिवर्तन के लिए 4,550 करोड़ रुपये और रोलिंग स्टॉक के लिए 57,693 करोड़ रुपये शामिल हैं। इस निवेश ने यात्री अनुभव, माल क्षमता और परिचालन दक्षता को नई ऊंचाई दी।

अमृत भारत स्टेशन योजना: शहरों के नए केंद्र

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1,300 स्टेशनों का पुनर्विकास आधुनिक सिटी सेंटर के रूप में किया जा रहा है। मई में 103 स्टेशनों का उद्घाटन हुआ, जबकि सैकड़ों स्टेशन निर्माणाधीन हैं। छोटे कस्बों से लेकर बड़े जंक्शनों तक स्टेशन अब केवल ट्रांजिट प्वाइंट नहीं, बल्कि नागरिक सुविधाओं के समन्वित केंद्र बन रहे हैं।

वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत एक्सप्रेस

वित्त वर्ष में 15 नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवाएं शुरू हुईं। देश में कुल 164 सेवाएं संचालित हैं, जो पर्यटन, तीर्थ और उभरते आर्थिक केंद्रों को जोड़ रही हैं। क्षेत्रीय उच्च-आवृत्ति कनेक्टिविटी के लिए नमो भारत रैपिड रेल की दो सेवाएं—भुज–अहमदाबाद और जयनगर–पटना—संचालित हैं।

सामान्य यात्रियों के लिए अमृत भारत एक्सप्रेस ने लंबी दूरी की किफायती यात्रा को सशक्त किया। वर्ष 2025 में 13 नई सेवाएं शुरू हुईं; कुल 30 सेवाएं गैर-एसी श्रेणी में आधुनिक सुविधाएं दे रही हैं।

वंदे भारत स्लीपर का रहा इंतजारदेश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के लॉन्च का यात्रियों को सालभर इंतजार ही रहा। पहले यह ट्रेन सितंबर में लॉन्च होने वाली थी लेकिन इसके डिजाइन और सुरक्षा से जुड़ी कुछ खामियों जैसे इमरजेंसी अलार्म बटन की गलत जगह, परदों के हैंडल का गलत डिजाइन और बर्थ कनेक्टर के बीच की कमी जैसी समस्याएं आदि के चलते इसे दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया। वहीं रेलवे का कहना है कि ये बदलाव यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए जरूरी हैं और जल्द ही ट्रेन को लॉन्च किया जाएगा।

कश्मीर घाटी को बाकी भारत से जोड़ा 2025 में जम्मू और कश्मीर ने एक ऐतिहासिक पल देखा, जब कश्मीर घाटी को बाकी भारत से जोड़ने वाली पहली सीधी ट्रेन का उद्घाटन हुआ। छह जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कटरा से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। कटरा के श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन से श्रीनगर के लिए यह पहली वंदे भारत ट्रेन, मुश्किल रास्तों को पार करते हुए इस क्षेत्र को बिना किसी रुकावट के कनेक्टिविटी देने के दशकों पुराने सपने को पूरा करती है।

जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर: इंजीनियरिंग की मिसाल

उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) 272 किमी लंबा, 43,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाला प्रोजेक्ट है, जिसमें 36 प्रमुख सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं। चेनाब ब्रिज—दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज—और अंजी ब्रिज—भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज—इंजीनियरिंग के प्रतीक बने।

कश्मीर घाटी में पहली बार अनंतनाग गुड्स टर्मिनल तक खाद्यान्न मालगाड़ी पहुंची, जिससे राष्ट्रीय माल नेटवर्क से औपचारिक एकीकरण हुआ।

पूर्वोत्तर में बायरबी–सैरांग रेल परियोजना (सितंबर 2025) ने 78 वर्षों बाद मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल को रेल से जोड़ा। 51.38 किमी लंबी इस लाइन पर चार नए स्टेशन बने। ब्रिज नंबर 144, कुतुब मीनार से भी ऊंचा, क्षेत्र की इंजीनियरिंग क्षमता दर्शाता है। उद्घाटन के तुरंत बाद सीमेंट, निर्माण सामग्री, ऑटोमोबाइल्स सहित माल परिवहन शुरू हुआ; पहली बार कारें रेल से मिज़ोरम पहुंचीं।

यात्री किराया में बदलाव

कई सालों तक कोई बड़ा बदलाव न होने के बाद 2025 में यात्री किराया दो बार संशोधित किया गया। भारतीय रेलवे ने जुलाई में मामूली किराया बढ़ोतरी लागू की। उसके बाद 26 दिसंबर में एक और किराया संशोधन लागू किया गया, जिसमें दूरी-आधारित दरों को संतुलित करते हुए लंबी दूरी की ट्रेनों में मामूली वृद्धि की गई ताकि परिचालन लागत और सेवाओं की गुणवत्ता संतुलित रहे। नई बढ़ोतरी के तहत 500 किलोमीटर तक नॉन एसी यात्रा के लिए महज 10 रूपये अतिरिक्त देने होंगे। साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर से अधिक दूरी पर यात्रा करने पर 1 पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई। मेल/एक्सप्रेस नॉन-एसी श्रेणी में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। एसी श्रेणी में भी 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। वहीं उपनगरीय सेवाओं और मासिक सीजन टिकट के किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है। साधारण श्रेणी में 215 किलोमीटर तक की यात्रा पर कोई किराया वृद्धि नहीं की गई।

हादसों और सुरक्षा की चुनौती

जहां भारतीय रेल ने सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार किया है और दुर्घटनाओं की संख्या दशक के उच्च स्तर से 93 प्रतिशत घटकर अब केवल 11 गंभीर रेल दुर्घटनाएं 2025-26 (नवंबर तक) में दर्ज हुई हैं, वहीं यह वर्ष पूरी तरह हादसों से मुक्त नहीं रहा। इनमें से दो बड़े रेल हादसों ने विशेष रूप से ध्यान खींचा। छत्तीसगढ़-बिलासपुर ट्रेन टक्कर: 4 नवंबर 2025 को एक मेमू यात्री ट्रेन ट्रेलिंग मालगाड़ी से टकराई, जिसमें कम से कम 11 यात्री मारे गए और करीब 20 घायल हुए। प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि सिग्नल अनदेखा होना टक्कर का कारण था। दूसरा, जलगांव ट्रेन हादसा: जनवरी 2025 में महाराष्ट्र के पास पुस्पक एक्सप्रेस में आग की अफ़वाह फैलने पर यात्रियों ने ट्रेन से कूदना शुरू कर दिया, जिससे ट्रेन से टकराने पर 13 लोगों की मौत और कई घायल हुए।

इन घटनाओं में तकनीकी खामियां, सिग्नलिंग व्यवस्था में त्रुटियां व मानवीय लापरवाही प्रमुख कारणों में गिनी गईं, जिससे रेल प्रशासन ने सिग्नल अपग्रेड, ट्रेन सुरक्षा सिस्टम और निगरानी को और अधिक तेज़ किया। रेल सुरक्षा बजट तीन गुणा बढ़कर 1,16,470 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो कि व्यापक सुरक्षा तकनीकों और प्रक्रियाओं में लगाया गया है। इसके अलावा स्टेशनों पर भी भीड़ नियंत्रण एक चुनौती बनी रही। फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ की भगदड़ में कई लोगों की मौत और कई घायल हुए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भीड़-प्रबंधन और आपात स्थिति सेंसिंग तकनीकों में और सुधार की आवश्यकता है।

हरित ऊर्जा, विद्युतीकरण और गति

भारतीय रेल ने ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल किया—14 ज़ोन और 25 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश शत प्रतिशत विद्युतीकृत। 812 मेगावाट सौर, 93 मेगावाट पवन और 1,600 मेगावाट आरटीसी हाइब्रिड ऊर्जा से ट्रैक्शन सुदृढ़ हुआ। 2,626 स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित हैं।

पिछले 11 वर्षों में 110 किमी/घंटा या उससे अधिक गति-सक्षम ट्रैक का अनुपात 40 प्रतिशत से बढ़कर 79 प्रतिशत हो गया। 60 किग्रा रेल, कंक्रीट स्लीपर, लॉन्ग वेल्डेड रेल और आधुनिक रखरखाव मशीनों से यह संभव हुआ।

सुरक्षा में ऐतिहासिक सुधार

परिणामस्वरूप ट्रेन दुर्घटनाएं 2004-14 के औसत 171 प्रति वर्ष से घटकर 2024-25 में 31 और 2025-26 (नवंबर तक) में 11 रह गईं। सुरक्षा बजट 39,463 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,16,470 करोड़ रुपये हुआ। फॉग सेफ्टी डिवाइस 90 से बढ़कर 25,939 हो गए। केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और ट्रैक सर्किटिंग का विस्तार तेज़ी से हुआ। स्वदेशी ‘कवच 4.0’ को दिल्ली–मुंबई मार्ग के मथुरा–कोटा खंड पर कमीशन किया गया।

आधुनिकीकरण, उत्पादन और डिजिटल सेवाएं

11 वर्षों में 42,600 से अधिक एलएचबी कोच बनाए गए; 2025-26 (नवंबर तक) में 4,224 कोच—पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक। 2025 में 1,542 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव बने। 82 ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट, 70 विस्ताडोम कोच और 25 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल कार्यरत हैं। रेलवन ऐप से टिकटिंग, ट्रैकिंग, ई-कैटरिंग और शिकायत निवारण एक मंच पर आए। ई-टिकटिंग 89 प्रतिशत तक पहुंची। 6,117 स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई और 1,731 स्टेशनों व 11,953 कोचों में सीसीटीवी से सुरक्षा बढ़ी।

माल परिवहन और लॉजिस्टिक्स

वित्त वर्ष 2025-26 में एक बिलियन टन माल ढुलाई का ऐतिहासिक आंकड़ा पार हुआ; दैनिक लोडिंग 4.4 मिलियन टन तक पहुंची। बल्क सीमेंट के लिए नई टैरिफ नीति लागू हुई। दिल्ली–कोलकाता आश्वस्त कंटेनर सेवा और मुंबई–कोलकाता डोर-टू-डोर पार्सल सेवा शुरू हुई। मानेसर स्थित इन-प्लांट गति शक्ति टर्मिनल से 100वां ऑटो रेक रवाना होना एक और मील का पत्थर रहा।

यात्री सुविधाएं और सामाजिक पहल

वर्ष 2025 में 693.25 करोड़ यात्रियों को सेवा दी गई। 43,000 से अधिक विशेष ट्रेनें—कुंभ, दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ—संचालित हुईं। 1,161 आरओबी/आरयूबी बने। 1,931 लिफ्ट और 1,687 एस्केलेटर से सुगमता बढ़ी। दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्हीलचेयर, बैटरी वाहन उपलब्ध कराए गए। आरपीएफ ने बच्चों के संरक्षण, जीवन रक्षा, नशा-रोधी कार्रवाई और खोई संपत्ति की बरामदगी में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज कीं।

यह दिखाता है कि भारतीय रेल समग्र रूप से विकास, निवेश और सेवा विस्तार की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है, लेकिन सुरक्षा चुनौतियां अभी भी निरंतर निगरानी, तकनीकी उन्नयन और प्रशिक्षण के ज़रिये संबोधित किए जा रहे हैं। इस वर्ष में रेल प्रशासन ने नए निवेश, किराया नीति सुधार और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ उन चुनौतियों का सामना कर के एक संतुलित प्रगति दर्ज की है—जो यात्रियों की भलाई और राष्ट्रीय कनेक्टिविटी की दिशा में अहम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार