प्राचीन परंपराओं के विश्व बुजुर्गों के लिए 8वां अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह सम्पन्न

 




डिब्रूगढ़ (असम), 31 जनवरी (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र (आईसीसीएस) द्वारा साझा सतत समृद्धि विषय पर आयोजित 8वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और बुजुर्गों का सम्मेलन, जो 28 जनवरी को शुरू हुआ था, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चौना मीन की उपस्थिति के साथ समापन समारोह संपन्न हुआ।

इसकी शुरुआत एक यजीदी बुजुर्ग की शुभ प्रार्थना से हुई, जिसका अर्थ था, पृथ्वी माता, पक्षी, महासागर, सूर्य, चंद्रमा और तारे के लिए धन्यवाद जो चमकते हैं, चीजों के निर्माता, जीवन के निर्माता है। यहां हुए अच्छे विचारों और भावनाओं के लिए प्रतिभागियों और आयोजकों को धन्यवाद। हमारे पूर्वजों को धन्यवाद..”

आईसीसीएस, भारत चैप्टर की अध्यक्ष डॉ शशिबाला ने मंच पर अतिथियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया। आईसीसीएस के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक दिगंत दास ने सम्मेलन का सारांश नोट दिया। सम्मेलन में 33 से अधिक देशों के 125 विदेशी प्रतिनिधियों ने अपने प्राचीन पारंपरिक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया। इन सभी विविध परंपराओं के साथ 28 जनवरी को डिब्रूगढ़ में एक सुरम्य सार्वजनिक रैली आयोजित की गई। सम्मेलन में प्रतिनिधियों (भारतीय और विदेशी) की कुल संख्या 400 थी। सम्मेलन के दौरान उनके विश्वास प्रदर्शन के साथ शैक्षणिक सेमिनार, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। स्वदेशी समुदायों के नेताओं को अपने-अपने समुदायों के भविष्य के रोडमैप के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों आईसीसीएस पर मंथन करने का अवसर मिला। महाद्वीपीय सम्मेलन, क्षेत्रीय सम्मेलन, मिलन समारोह आदि की योजना बनाई गई।

डिब्रूगढ़ घोषणा को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले योरूबा जनजाति के एक प्रतिनिधि ने पढ़ा। अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने कहा कि भारत के उत्तर पूर्व ने लंबे समय तक सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित रखा है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस वर्ष साझा स्थायी समृद्धि विषय को चुनने के लिए आईसीसीएस को बधाई दी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद/आकाश