बंगाल एसआईआर : मतदाता सूची आपत्ति सुनवाई में केवल केंद्र सरकार के अधिकारी होंगे माइक्रो ऑब्जर्वर

 


कोलकाता, 19 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)

के तहत दावों और आपत्तियों की सुनवाई के लिए निर्वाचन आयोग ने अहम फैसला लिया है। आयोग ने तय किया है कि सुनवाई सत्रों में माइक्रो ऑब्जर्वर के रूप में केवल केंद्र सरकार के अधिकारियों की ही नियुक्ति की जाएगी।

16 दिसंबर को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई अगले सप्ताह से शुरू होने जा रही है। यह एसआईआर की तीन चरणों वाली प्रक्रिया का दूसरा चरण है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, माइक्रो ऑब्जर्वर के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अधिकारी, केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारी तैनात किए जा सकते हैं। इन सभी अधिकारियों का पद समूह-बी या उससे ऊपर का होना अनिवार्य होगा।

अधिकारी ने बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय को अनुरोध भेजा था। शुक्रवार दोपहर आयोग की ओर से इस पर अनुमति मिल गई।

माइक्रो ऑब्जर्वर का मुख्य काम यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदाता सूची से जुड़े दावों और आपत्तियों की सुनवाई निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी द्वारा चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जा रही है। ये माइक्रो ऑब्जर्वर आयोग द्वारा नियुक्त विशेष रोल ऑब्जर्वर की निगरानी में काम करेंगे। विशेष रोल ऑब्जर्वर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जिन्हें 4 नवंबर से शुरू हुए एसआईआर की समीक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी विशेष रोल ऑब्जर्वर और माइक्रो ऑब्जर्वर दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे। आयोग ने यह भी साफ किया है कि सभी प्रक्रियाएं पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराई जाएंगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची अगले वर्ष 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद राज्य में होने वाले अहम विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएगी।

इस बीच आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोलकाता स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का भी अनुरोध किया है।

जानकारी के अनुसार, आयोग के प्रस्ताव के तहत यह तैनाती तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आदर्श आचार संहिता लागू नहीं हो जाती। -------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर