प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बढ़ावा देने आगे आये कॉर्पोरेट जगतः उपराष्ट्रपति

 


नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कॉर्पोरेट नेताओं से विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों का समर्थन करने का आह्वान किया। विकसित देशों में अनुसंधान शुरू करने और वित्त पोषण करने में कॉरपोरेट्स द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उपराष्ट्रपति ने आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन के लिए विघटनकारी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उपराष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाले एक सुरक्षा जाल के रूप में आईएमडी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। आईएमडी के पूर्वानुमानों की सटीकता की सराहना करते हुए धनखड़ ने चुटीले अंदाज में कहा, “मैं उस दिन की तलाश में हूं जब आईएमडी भविष्यवाणी कर सके कि पीठासीन अधिकारियों के लिए संसद के दोनों सदनों में मौसम की स्थिति क्या होगी।”

आईएमडी के वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पड़ोसी भी आईएमडी की विशेषज्ञता पर भरोसा करते हैं। इसके लिए उन्होंने चक्रवात मोचा के दौरान और उसके बाद बांग्लादेश और म्यांमार द्वारा की गई भारत की प्रशंसा का उदाहरण दिया। धनखड़ ने बताया कि कैसे किसी राष्ट्र की आर्थिक और तकनीकी प्रगति अंतरराष्ट्रीय संबंधों को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा, “अपने पड़ोसियों और अन्य देशों तक अपनी मौसम और जलवायु सेवाओं का विस्तार करके हम न केवल क्षेत्रीय लचीलेपन को मजबूत करते हैं बल्कि एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी होने की भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करते हैं।”

जीवन के हर क्षेत्र में आईएमडी की भूमिका का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैं कृषक पुत्र हूं, इसीलिए कह सकता हूं कि मौसम विभाग का काम केवल मौसम की जानकारी देने तक सीमित नहीं है। खेत जोतते किसान से लेकर सीमा पर खड़े जवान तक मौसम विभाग अहम भूमिका निभाता है।” उपराष्ट्रपति ने कृषि आय बढ़ाने, सीओवीआईडी प्रबंधन सुनिश्चित करने और सफल सुविधा प्रदान करने जैसे विविध क्षेत्रों में आईएमडी के योगदान का भी जिक्र किया। धनखड़ ने आईएमडी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि यह आईएमडी की स्थिति को दुनिया में अग्रणी मौसम विज्ञान विभागों में से एक के रूप में मजबूत कर रहा है।

विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने वाले देशों में भारत की प्रमुख स्थिति की पुष्टि करते हुए उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय संस्थानों की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा का उपयोग करने की अनिवार्यता को पहचाना। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्र के लाभ के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और उसका उपयोग करने में आईएमडी की महत्वपूर्ण भूमिका है।”

कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने आईएमडी का थीम गीत जारी किया। उन्होंने निर्णय समर्थन प्रणाली, पंचायत मौसमसेवा, जलवायु सेवाओं के राष्ट्रीय ढांचे और विभाग के मोबाइल ऐप सहित कई अन्य पहल भी शुरू कीं। इस अवसर पर केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, आईएमडी महानिदेशक डॉ. एम. महापात्र और अन्य गण्यमान्य भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/पवन