(वाइब्रेंट गुजरात समिट) कांडला तथा तुतिकोरिन पोर्ट का ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकास किया जाएगा : सर्बानंद सोनोवाल
गांधीनगर, 11 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के तहत आयोजित पोर्टलेड सिटी डेवलपमेंट सेमिनार में घोषणा की कि कांडला तथा तुतिकोरिन पोर्ट का ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट के कंटेनर टर्मिनल विकास के लिए कार्य हो रहे हैं। दीनदयाल पोर्ट में ग्रीन हाइड्रोजन पार्क विकास के पथ पर है। देश के मैरीटाइम सेक्टर का निरंतरता पूर्ण विकास देश के विकास में सहायक बनेगा।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की सराहना करते हुए केन्द्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2003 में शुरू की गई यह समिट आज भारत के विकास का वटवृक्ष बनी है। प्रधानमंत्री के विजन से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है। 2047 में भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के सपने में गुजरात का बड़ा योगदान रहेगा। गुजरात ने हर क्षेत्र में समानांतर विकास को प्राथमिकता दी है।
आईएनएस विक्रांत जहाज की चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अमृत काल में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का यह श्रेष्ठ दृष्टांत है। ग्लोबल मैरीटाइम क्षेत्र में भारत उल्लेखनीय विकास कर रहा है। उन्होंने पोर्टलेड इंडस्ट्रियलाइजेशन पर गौर करते हुए कहा कि ट्रैफिक से ट्रेड तथा ट्रैफिक से रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा। उन्होंने 2035 तक सागरमाला प्रोजेक्ट पर विजन प्रस्तुत किया। ग्रीन पोर्ट्स पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न बंदरगाहों को ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की दिशा में दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
एपीएम टर्मिनल्स के सीईओ कीथ स्वेंडसेन ने पोर्टलेड सेक्टर के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि वाइब्रेंट गुजरात समिट में भाग लेते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है। उन्होंने शिपिंग सेक्टर को हाईपर एफिशियेंट बताया। उन्होंने पोर्टलेड सिटी डेवलपमेंट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि शिपिंग तथा लॉजिस्टिक को कनेक्टिविटी से बढ़ाया जाएगा तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने इस सेक्टर में अधिक निवेश के बारे में कहा कि इससे टाउन प्लानिंग के साथ पोर्ट सिटी विकसित करने में अग्रसरता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि पोर्ट तथा शिपिंग सेक्टर में ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य है।
समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजनरी प्रयासों से देश में पोर्ट्स से प्रॉस्परिटी का नया इतिहास रचा है। गुजरात भी इसमें ‘पोर्ट्स फॉर प्रॉस्परिटी तथा पोर्ट्स फॉर प्रोग्रेस’ के विजन से आगे बढ़कर योगदान देने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने गुजरात में मेजर-माइनर सहित देश में सर्वाधिक 49 पोर्ट्स होने का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में लगभग 39 प्रतिशत कार्गो का गुजरात के बंदरगाहों से वहन होता है। उन्होंने बताया कि पोर्ट्स तक सुदृढ़ सड़क कनेक्टिविटी तथा ढांचागत विकास के फलस्वरूप गुजरात लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स-लीड्स इंडेक्स में अग्रसर है। पोर्टलेड सिटी डेवलपमेंट द्वारा बंदरगाहों के निकटस्थ शहरों में सस्टेनेबल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से वाइब्रेंट इकोनॉमी वाले शहरों का विकास हो, इस दिशा में हम प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री ने ब्लू इकोनॉमी को प्राथमिकता दी है और अमृतकाल की इस प्रथम वाइब्रेंट समिट के इस सेमिनार की चर्चाएं सहित देश की ब्लू इकोनॉमी को गति देने में फलदायी सिद्ध होंगी और समुद्री समृद्धि से देश को वैश्विक समृद्धि की ओर ले जाने का रोडमैप तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
सेमिनार में नीदरलैंड के राजदूत एच.ई. मारिसा गेराड्स समेत मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सचिव के कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राजकुमार, बंदरगाह एवं परिवहन के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के वाइस चेयरमैन और सीईओ राजकुमार बेनीवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार एस.एस. राठौड़ उपस्थित रहे। इस सेमिनार में मुख्यमंत्री ने विजन-2047 डॉक्यूमेंट पुस्तक का विमोचन भी किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/वीरेन्द्र