वाइब्रेंट गुजरात समिट: प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और योजनाबद्ध कदमों की विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने खुले मन से की सराहना

 


गांधीनगर, 10 जनवरी (हि.स.)। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-2024 में 130 से अधिक देशों के प्रतिनिधि जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रीगण, राजदूत और डेलीगेट्स शामिल हैं, उनकी उपस्थिति रही। इस समिट में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपने संबोधन में इस समिट में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की। इस अवसर पर चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री पेट्र फियाला, तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी, वियतनाम के उप प्रधानमंत्री त्रान ल्यू क्वांग, जापान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप मंत्री शिन होसाका, यूनाइटेड किंगडम के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद, नेपाल के वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत, एस्टोनिया के आर्थिक मामलों एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री टिट रिसालो, आर्मेनिया के वित्त मंत्री वहन कैरेबियन और मोरक्को के उद्योग एवं व्यापार मंत्री रियाद मेज्जोर आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री पेट्र फियाला ने अपने संबोधन में कहा कि इस समिट का विषय ‘गेटवे टू द फ्यूचर’ है, जो एक बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि हम एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर हैं और हम अपना भविष्य चुन सकते हैं। यह समय जोखिम लेकर आगे बढ़ने का है, लेकिन साथ ही यह बड़े अवसर भी प्रदान करता है। भविष्य के प्रवेश द्वार को अनलॉक करने के लिए तीन चाबियां हैं- पहली, नवाचार (इनोवेशन) और नई टेक्नोलॉजी। दूसरी अद्यतन उद्योग, और तीसरी चाबी एप्लाइड रिसर्च है।

तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने विदेश मामलों के मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने के भारत के उचित अधिकार को पूरे दिल के साथ समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि मैं भारत और इंडोनेशिया, दोनों एशियाई देशों के लिए, संशोधित और विस्तृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने की वकालत करना जारी रखूंगा। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर भारत का सहयोग सदैव मिलता रहा है। तिमोर लेस्ते में शांति रक्षक दलों में भारत का भी एक बड़ा हिस्सा शामिल है। रामोस होर्टा ने तिमोर लेस्ते में प्राकृतिक संसाधनों तथा निवेश के अवसरों के विषय में विस्तार से बात की तथा उनके देश में होने वाले कॉफी के भरपूर उत्पादन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बायोडायवर्सिटी से संबंधित समृद्धि की बात करते हुए कहा कि हमारे यहां टूरिज्म उद्योग के लिए बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं और हम भारत जैसे देशों के साथ भागीदारी करने को उत्सुक हैं।

जापान के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप मंत्री शिन होसाका ने कहा कि भारत और जापान स्पेशल स्ट्रेटेजिक ग्लोबल पार्टनर हैं। जापान और भारत के बीच के संबंधों का लंबा इतिहास है। हम भारत और गुजरात में निवेश करते आए हैं तथा टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में सहयोग करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। प्राकृतिक आपदा के दौरान भारत की ओर से संवेदना एवं मदद के लिए हम भारत के आभारी हैं। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की प्रशंसा की और सेमीकंडक्टर को लेकर दोनों देशों के बीच हुए सहयोग का भी उल्लेख किया। होसाका ने कहा कि जापान भारत का श्रेष्ठ मित्र है और हमेशा रहेगा।

यूके के राज्य मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने अपने संबोधन की शुरुआत हिन्दी भाषा में कर सभी का आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी जड़ें भारत में रही हैं। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट सही अर्थ में मास्टर क्लास है। भारत तथा यूके के बीच सदियों पुराना संबंध है। दोनों देशों के बीच परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। क्रिकेट से लेकर कल्चर तक अनेक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं। भारत, यूके में दूसरे क्रम का सबसे बड़ा निवेशक है। यूके में 900 से अधिक भारतीय बिजनेस कार्यरत हैं। यूके तथा भारत के बीच 3.8 बिलियन डॉलर का व्यापार है तथा गत वर्ष इसमें 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हम यूके तथा भारत व गुजरात के बीच भागीदारी की संभावना को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने गुजरात तथा यूके के बीच संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन यूके आर्टिस्ट द्वारा बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस भागीदारी में हम अभी और आगे बढ़ना चाहते हैं। शिक्षा क्षेत्र पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में परस्पर सहयोग जरूरी है। उच्च शिक्षा क्षेत्र में किए गए एमओयू का भी उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे बीच के संबंध जो आज हैं, वो हमेशा रहेंगे।

नेपाल के वित्त मंत्री प्रकाश शरण महत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शिता पूर्ण नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत नई आर्थिक महाशक्ति बन गया है। जी-20 का अध्यक्ष पद स्वीकार कर भारत द्वारा किए गए सफल आयोजन से उसका स्तर ग्लोबल लेवल पर और ऊंचा हो गया है। नेपाल एवं भारत के एक समान धर्म स्थानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल में आने वाले पर्यटकों में सबसे अधिक गुजरात के होते हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल तथा भारत ने 10 वर्ष में 10,000 मेगावॉट बिजली निर्यात के दीर्घकालीन परचेज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे नेपाल में हाईड्रो पावर में निवेश के कई अवसर खुलेंगे। नेपाल केवल नेपाल के लिए ही नहीं, बल्कि भारत में भी ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन लक्ष्य प्राप्त करना जारी रखेगा। नेपाल सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में शुरू किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए महत ने कहा कि आगामी अप्रैल में नेपाल भी इन्वेस्टर्स समिट आयोजित करने जा रहा है।

एस्टोनिया के इकोनॉमिक अफेयर्स तथा इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री टिट रिसालो ने कहा कि भारत एक धार्मिक देश है। उसी प्रकार हम भी धर्मपरायण देश हैं और हम हमारी संस्कृति के संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं। एस्टोनिया पिछले 30 वर्षों से एक राष्ट्र के रूप में अब स्वतंत्र है। आज हम नागरिकों के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में वैश्विक रूप से अग्रणी हैं। हम गुजरात के साथ सहयोग करने में दिलचस्पी रखते हैं, क्योंकि गुजरात मीन्स ग्रोथ। गुजरात विकास का पर्याय बन चुका है। ई-गवर्नेंस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, एजुकेशन सहित अन्य क्षेत्रों के लिए एस्टोनिया गुजरात सरकार के साथ भागीदारी में कार्य करने के लिए तैयार है।

आर्मेनिया के वित्त मंत्री वहन केरोबियन ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि उद्योग के विकास के लिए एक खास माहौल की जरूरत पड़ती है। पॉलिसी से ही बिजनेस फ्रेंड्ली एनवायरनमेंट बनता है। हमारे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। सदियों से यूरोप तथा भारत के व्यापारिक संबंध रहे हैं। यह समिट सही अर्थ में गेटवे टू द फ्यूचर की अनुभूति कराती है।

मोरक्को के उद्योग एवं व्यापार मंत्री रियाद मेज्जोर ने समिट में सहभागी होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक प्रतिष्ठा वाली इस समिट में उपस्थित रहने पर उन्हें गौरव है। इस समिट में केवल बड़े देश ही नहीं, बल्कि छोटे देशों को भी शामिल किया जाता है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि भारत आज मोरक्को का सबसे बड़ा इन्वेस्टर राष्ट्र बना है। इस परस्पर सहयोग से दोनों देशों का आर्थिक विकास बेहतर होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/वीरेन्द्र