उत्तराखंड : गंगोत्री हाइवे पर एवलांच आने से सौ मीटर हाइवे बंद, बीआरओ मार्ग खोलने में जुटा

 




-धराली -भैरव घाटी के मध्य 6 मीटर ऊंचा आया एवलांच, डीएम ने एवलांच का अलर्ट पहले ही किया था जारी

उत्तरकाशी, 04 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड के गंगोत्री हाइवे धराली-भैरवघाटी के मध्य 6 मीटर ऊंचा एवलांच (हिमस्खलन) आया। इससे एक सौ मीटर सड़क पूरी तरह से बंद हो गई है। जिले में जारी बारिश और बर्फबारी के कारण कई इलाकों में विद्युत व्यवस्था भी ठप है।

जिला आपदा परिचालन केंद्र उत्तरकाशी के मुताबिक सोमवार को गंगोत्री राजमार्ग पर धराली और भैरव घाटी के मध्य किलोमीटर 16 और 17 में लगभग 100 मीटर लम्बा और 6 मीटर ऊंचा बर्फीला एवलांच आया। इसके कारण मार्ग पर भारी मात्रा में बर्फ जमी है। इसको काटकर हटाने का कार्य बीआरओ ने शुरू कर दिया है।

जिले बीते तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बर्फबारी के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में एवलांच का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए एवलांच का अलर्ट जारी किया गया था। उत्तरकाशी को डेंजर लेवल l-4 में रखा गया है। इसके लिए सतर्कता के निर्देश पहले ही जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने दिए थे।

डीएम ने हिमस्खलन-बर्फ गिरने की दशा में यात्रियों/ट्रैकरों को मौसम की जानकारी देते हुए बर्फ वाले क्षेत्रों में अति आवश्यक होने पर ही आवागमन करने और यात्रियों/वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रुकवाने की बात कही थी। राष्ट्रीय राजमार्ग में संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त मशीनरी/ऑपरेटर की तैनाती रखने के निर्देश जारी किए थे।

बर्फबारी से उपला टकनोर और नैटवाड़ क्षेत्र में तीन दिनों से विद्युत व्यवस्था ठप-

जिले में बारिश का कहर जारी है। बर्फबारी के कारण विद्युत व्यवस्था कुछ गांव की बाधित हो गई। जिला आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक भटवाड़ी के उपला टकनोर में झाला से आगे बर्फबारी के कारण 11केवी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से हर्षिल, मुखवा, धराली व गंगोत्री क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित हैं। उधर मोरी क्षेत्र के नैटवाड़ अन्तर्गत नुराणू के पास पेड़ गिरने से 11केवी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्राम सिरगा, ओसला, गंगाड, पवाणी कुल 04 ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।

विद्युत विभाग ने क्षतिग्रस्त लाइनों को सोमवार सायं तक सुचारु होने की सम्भावना बताईं थी, लेकिन बर्फबारी के चलते विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं कर पाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/चिरंजीव सेमवाल/रामानुज