उत्तरकाशी सुरंग से निकाले गए प्रत्येक मजदूर को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी राज्य सरकार
नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को मंगलवार शाम सकुशल निकाले जाने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से सभी 41 मजदूरों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराने की घोषणा की।
सुरंग से सुरक्षित निकाले गए मजदूरों को वहां से अस्पताल के लिए एम्बुलेंसों से रवाना किए जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जनरल (सेनि.) वीके सिंह भी थे। इस रेस्क्यू अभियान को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और सूक्ष्म मॉनिटरिंग को दी। उन्होंने उत्तराखंड में हो रहे विभिन्न सुरंग के कार्यों की समीक्षा किये जाने की घोषणा की।
पुष्कर सिंह धामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दुर्घटना स्थल पर बाबा बौख नाग का मंदिर भी अब बनेगा। इस रेस्क्यू आपरेशन की सफलता को उन्होंने बाबा बौख नाग की विशेष कृपा बताई। उन्होंने कहा कि सुरंग से जो मजदूर निकलकर बाहर आए, उन्होंने इस बात की तस्दीक की कि सुरंग में फंसे रहने के दौरान उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई।
धामी ने बताया कि सुरंग में फंसे रहने के दौरान मजदूरों के टीम लीडर्स सबा अहमद, गब्बर सिंह और अखिलेश से उनकी निरंतर बातचीत होती रही थी। आज भी उन्होंने इस बात को मीडिया से बातचीत के दौरान दोहराया। एक सवाल के जवाब में धामी ने बताया कि अंदर से निकले कुछ मजदूरों ने उन्हें बताया कि शुरू के एक-दो दिन तो उन्हें चिंता हुई लेकिन उसके बाद जब प्रशासन और मौके पर तैनात लोगों से उनका संवाद स्थापित हो गया तो लोग निश्चिंत हो गए। उन्हें भरोसा था कि सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए जो प्रयास कर रही है, वे जल्द ही बाहर आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आज शुरुआती क्रम में निचले दर्जे के मजदूरों को निकाला गया और जो टीम लीडर थे उन्हें सबसे आखिर में निकाला गया। उन्होंने कहा कि मजदूर सुरंग से निकलकर एक पखवाड़े से अधिक समय के बाद बाहर के वातावरण में आए हैं। हालांकि सुरंग से बाहर आने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण में सभी पूरी तरह स्वस्थ नजर आए हैं। उनका रक्तचाप सामान्य पाया गया है, फिर भी उन्हें 24 घंटे डाक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। उसके बाद डॉक्टर तय करेंगे कि उन्हें कब डिस्चार्ज कर घर भेजा जाए।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग की कृपा से ही यह सब संभव हो सका है, इसलिए अब उनका मंदिर वहां पर बनेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में धामी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस रेस्क्यू अभियान पर पूरा ध्यान नहीं होता तो शायद यह अभियान इस तरह से सफल नहीं हो पता। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 41 मजदूरों को एक-एक लाख रुपये प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान करेगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये मजदूर जिस कम्पनी के अधीन कार्यरत थे, वह उनसे भी इन्हें कुछ आर्थिक सहायता दिलाने के बारे में बातचीत करेंगे। सभी मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में फंसे इन सभी मज़दूरों को सुरक्षित निकालने में सबसे बड़ा योगदान राहत एवं बचाव कार्य में लगी सभी एजेंसियों जैसे एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़, उत्तराखण्ड पुलिस तथा भारतीय सेना का रहा है। उन्होंने इन तमाम एजेंसियों और प्रशासन का भी आभार जताया।
हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल/प्रभात