वाराणसी: भारत वैभव' एक वर्षीय राष्ट्रीय उत्सव लोगो का बीएचयू में अनावरण
वाराणसी, 17 दिसंबर (हि.स.)। भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक वर्षीय राष्ट्रीय उत्सव ‘भारत वैभव’ के आधिकारिक लोगो का अनावरण बुधवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय मूल्य अनुशीलन सभागार में किया गया।
लोगो का अनावरण इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के न्यास अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्म भूषण रामबहादुर राय, मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के कुलाधिपति डॉ. अच्युतानंद मिश्र, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, पद्मश्री विद्याविंदु सिंह, आईजीएनसीए के संकाय प्रमुख डॉ. रमेश चंद्र गौड़, विद्याश्री न्यास के सचिव डॉ. दयानिधि मिश्र, आईजीएनसीए काशी के क्षेत्रीय निदेशक अभिजीत दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार डॉ अत्रि भारद्वाज तथा मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के समन्वयक प्रो. संजय कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर अतिथियों ने लोगो के डिज़ाइनर, शोध छात्र राहुल शॉ को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उत्सव के संयोजक डॉ धीरेन्द्र राय ने बताया कि भारत सरकार की द्विवर्षीय राष्ट्रव्यापी पहल के आलोक में बीएचयू स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल शोध छात्रावास द्वारा यह राष्ट्रीय उत्सव आयोजित किया जा रहा है। यह उत्सव भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती 25 दिसंबर 2025 से प्रारंभ होकर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर 2026 तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में साहित्य, कला, संगीत, नाटक, शोध, खेल, संस्कृति सहित विविध रचनात्मक प्रकल्पों, प्रतियोगिताओं, विद्वत विमर्श, कार्यशालाओं और सांस्कृतिक आयोजनों का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया जाएगा। उत्सव का उद्देश्य सरदार पटेल की राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान को रेखांकित करना है।
उत्सव आयोजन सचिव डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने सभी से ‘सरदार पटेल 150’ को समर्पित इस राष्ट्रीय आयोजन में सहभागिता कर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में एमएलसी धर्मेंद्र सिंह, शिक्षा सेवा चयन आयोग के सदस्य डॉ. हरेंद्र राय, भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक सदाशिव द्विवेदी सहित प्रो. उपेन्द्र त्रिपाठी, प्रो. के. एन. तिवारी, प्रो. विक्रमादित्य राय, नंद जी राय, प्रो. उदयन मिश्रा, प्रो. प्रकाश उदय समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी